बांका.खेती को आधुनिक बनाने का सिलसिला जारी है. इस कड़ी में कुछ वर्ष पूर्व ड्रोन की मदद भी खेती में ली जाने लगी है. बांका में भी विभागीय स्तर पर ड्रोन की उपलब्धता किसानों के लिए की जायेगी. जानकारी के मुताबिक, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना अंतर्गत पोपुलराइजेसन ऑफ एरियल स्प्रे ऑफ पेस्टीसाइड एंड लिक्विड फर्टिलाइजर बाई ड्रोन इन पीपीपी मोड योजना अंतर्गत अनुमंडल स्तर पर एक ड्रोन बांका में किसानों को अनुदानित दर पर मुहैया कराया जायेगा.
खरपतवार नियंत्रण में मिलेगी सुविधाविभागीय जानकारी के मुताबिक, पौधा संरक्षण के लिए कीट, खरपतवार, फफूंद, जीवाणु व विषाणु इत्यादि के खात्मे में ड्रोन की मदद ली जायेगी. साथ ही इससे तरल उर्वरक का छिड़काव भी किया जायेगा. ड्रोन की यह शुरुआत सफल होने के बाद इसकी संख्या और बढ़ायी जायेगी. विभाग का मानना है कि कीट, खरपतवार, फफूंद, जीवाणु व विषाणु के कारण 30 से 35 फीसदी फसलों की क्षति होती है. जो कीटनाशी यंत्र हैं, उसका किसान सही तरीके से शतप्रतिशत उपयोग नहीं कर पाते हैं. ऐसे में ड्रोन शत-प्रतिशत काम करेगा. जिलों में ड्रोन से फसलों में कीटनाशी एवं तरल उर्वरक छिड़काव को बढ़ावा देने के लिए इस येाजना को लागू किया जा रहा है. इससे समय की बचत होगी. साथ ही अधिक से अधिक क्षेत्रों में कीट, व्याधि व खरपतवार का नियंत्रण सुनिश्चित किया जा सकेगा.चयनित लाभार्थी को मिलेगा प्रशिक्षणकृषि में उपयोगी मानव रहित हवाई वाहन ड्रोन क्रय पर अनुदान दिया जायेगा. चयनित लाभार्थी को प्रशिक्षण के उपरांत ड्रोन पायलट प्रमाण पत्र भी दिया जायेगा. यह प्रशिक्षण कार्यक्रम मान्यता प्राप्त कृषि विश्वविद्यालय में आयोजित होगा. इस योजना का लाभ किसान, खेती-बारी कृषि क्लिनिक संस्थापक, कृषि यंत्र बैंक, स्वयं सहायता समूह, अनुज्ञप्तिधारी कीटनाशी विक्रेता, किसान उत्पाद संगठन, स्वयं सेवी संस्था आदि को दिया जायेगा. इसके लिए कृषि विभाग के साइट पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा. जिला स्तरीय कमेटी स्तर पर लाभार्थी का चयन किया जायेगा.
60 प्रतिशत मिलेगा अनुदान
कृषि विभाग ड्रोन के लिए चयनित लाभार्थी को 60 प्रतिशत अनुदान भी देगा. बताया जा रहा है कि ड्रोन के क्रय मूल्य का 60 प्रतिशत अधिकतम 3.65 लाख रुपये प्रति ड्रोन का सहायता अनुदान दिया जायेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है