संवाददाता, पटना: विश्व जनसंख्या दिवस पर गुरुवार को यूनिसेफ बिहार के सहयोग से सीआइएमपी के सेंटर फॉर क्लाइमेट रेजिलिएंस, डिजास्टर रिस्क रिडक्शन और वाटर सेनिटेशन एंड हाइजीन (डब्ल्यूएएसएच) रिसर्च एंड एजुकेशन की ओर से युवा समागम आयोजित किया गया. कार्यक्रम का विषय ‘फ्यूचर गार्डियंस ऑफ बिहार: यूथ क्लाइमेट कॉन्क्लेव’ था. इसमें पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन विभाग की सचिव बंदना प्रेयषी ने कहा कि बिहार ग्रीन बजट लागू करने वाला देश का पहला राज्य है. विभाग ने पिछले वित्तीय वर्ष में चार करोड़ पौधे लगाये गये थे और इस वर्ष 4.5 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य है. शहरी हरियाली को ‘नगर वन’ पार्क या हरे पार्क के माध्यम से बढ़ाया जा रहा है. कॉन्क्लेव में यूनिसेफ बिहार की राज्य प्रमुख मार्ग्रेट ग्वाडा ने कहा कि इस वर्ष यूनिसेफ भारत में अपना 75वां वर्ष मना रहा है. यूनिसेफ चिल्ड्रेन क्लाइमेट रिस्क इंडैक्स (सीसीआरआइ) के अनुसार 163 देशों में भारत का 26वां स्थान है. इसका तात्पर्य यह है कि बिहार सहित भारत में बच्चे जलवायु परिवर्तन के प्रभावों की वजह से सबसे अधिक जोखिम में हैं, जिससे उनके स्वास्थ्य, शिक्षा और सुरक्षा को खतरा है. इसमें विभिन्न स्कूल और कॉलेजों के 500 से अधिक युवाओं और किशोर-किशोरियों सहित सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स ने शिरकत की.
गर्दनीबाग अस्पताल परिसर में परिवार नियोजन मेला शुरू
विश्व जनसंख्या दिवस पर गुरुवार को गर्दनीबाग अस्पताल परिसर में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया. इसमें सिविल सर्जन डॉ मिथिलेश्वर कुमार ने कहा कि अशिक्षा, बेरोजगारी, भुखमरी जैसी विकट समस्याओं का प्रमुख कारण तेजी से बढ़ती आबादी है. इसका एकमात्र निदान परिवार नियोजन है. अभी तक महिलाएं ही बेहतर भविष्य के लिए परिवार नियोजन के लिए आगे आयी हैं. पुरुषों को भी इसमें अपनी सहभागिता सुनिश्चित करनी चाहिए. इस दौरान उन्होंने परिवार नियोजन मेले के उद्घाटन किया. उन्होंने कहा कि 11 से 31 जुलाई तक चलने वाला जनसंख्या स्थिरीकरण पखवारा शुरू हो गया.
जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन
विश्व जनसंख्या दिवस पर गुरुवार को जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया. इसमें फोर्ड अस्पताल के निदेशक व वरिष्ठ कार्डियोलॉजिस्ट डॉ बीबी भारती और निदेशक सह वरिष्ठ जनरल सर्जन डॉ संतोष कुमार ने बढ़ती जनसंख्या और इसके स्वास्थ्य और पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभावों के बारे में जागरूक किया. डॉ भारती ने कहा कि बढ़ती जनसंख्या हमारे देश और राज्य के लिए एक गंभीर खतरा है.
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