जामताड़ा. झारखंड राज्य आंदोलनकारी संघ जामताड़ा की बैठक शुक्रवार को गांधी मैदान में मनोरथ मरांडी की अध्यक्षता में हुई. इस अवसर पर जामताडा जिला इकाई का गठन किया गया. सर्वसम्मति से मनोरथ मरांडी को अध्यक्ष, रोबिन मिर्धा व आनंद लाल मरांडी को उपाध्यक्ष बनाया गया. वहीं अनिल सोरेन को सचिव, सह सचिव-रामलाल मरांडी, कोषाध्यक्ष-रोहिनी मरांडी को बनाया गया. वहीं 11 कार्यकारिणी सदस्य का चयन किया गया. इसमें बड़ो सोरेन, शिवलाल मुर्मू, जमाल अंसारी, जितेन हांसदा, बाबूधन सोरेन, अविनाश टुडू, अनिल हेंब्रम, मनोज राउत, चंचल सरखेल, कन्हैया भैया, सर्जन टुडू, जॉन मोहम्मद, ज्ञानेश्वर हेंब्रम, ललित राय, नरेश बाउरी शामिल हैं. मौके पर पूर्व जिला कार्यकारी अध्यक्ष आनंद लाल मरांडी ने कहा कि आयोग की ओर से चिह्नित आंदोलनकारियों को प्रमाण-पत्र दिया जाए, अन्यथा 15 अगस्त के बाद आंदोलन करने को बाध्य हो जाएंगे. रोबिन मिर्धा ने कहा कि झारखंड आंदोलनकारियों के आशा और आकांक्षा के अनुरूप अलग राज्य तो बना. कई सरकारे आयी और गयी, परंतु झारखंड आंदोलनकारी के बारे में किसी ने सुध नहीं ली. झारखंड आंदोलनकारी की सरकार 2019 में बनीं, जिनके मुखिया हेमंत सोरेन हैं. विरोधियों ने अपने मकसद की पूर्ति के लिए सरकार को अस्थिर करने का लगातार प्रयास किया. सरकारी प्रावधानों के मुताबिक झारखंड आंदोलनकारियों के लिए जो नियमावली बना है. उस आधार पर सभी आंदोलनकारियों को बराबर रूप से सम्मान दिया जाय. क्या है मांगें – वर्तमान में चिह्नित आंदोलनकारी को पहचान-पत्र में कोई मंत्री का हस्ताक्षर हो, आंदोलनकारियों को समान रूप से पेंशन दी जाय, जामताड़ा को प्राप्त आंदोलनकारियों की सूची में अंकित नाम को अविलंब पहचान-पत्र दिलाया जाय आदि मुख्य मांगें शामिल है.
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