बालूमाथ. सीसीएल द्वारा संचालित तेतरियाखांड़ कोल परियोजना अंतर्गत हरिजनटोला के विस्थापितों ने शुक्रवार को पिंडारकोम गांव में भूमि मुआवजा की मांग को लेकर चक्का जाम कर दिया. चक्का जाम की वजह से तेतरियाखांड़ कोल परियोजना में कोयला लोड करने जाने वाले ट्रकों की कतार लग गयी. विस्थापितों ने बताया कि सीसीएल द्वारा वर्ष 1962 में उनकी जमीन का अधिग्रहण किया गया था. जमीन अधिग्रहण करने के बाद से अब तक हमें मुआवजा नहीं दिया गया है. सीसीएल को कई बार आवेदन दे चुके हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही. सीसीएल ने हमारी जमीन पर कोयला ट्रांसपोर्टिंग रोड बना दिया है. जमीन चले जाने के कारण अब हमलोग खेती भी नहीं कर पा रहे हैं. जाे जमीन बच गयी है, वो भी कोल डस्ट से प्रभावित हो गयी है. सीसीएल द्वारा पूर्व में कुछ वर्षों तक फसल का मुआवजा दिया गया था, पर अब वह भी बंद है. धुलकण के कारण कई लोग गंभीर बीमारी की चपेट में आ रहे हैं. इसके अलावे सीसीएल द्वारा खनन के दौरान की जानेवाली ब्लास्टिंग से घरों की दीवार में दरार पड़ गयी है. इधर, अधिकारियों के आश्वासन के बाद विस्थापितों ने जाम हटा लिया. सुबह सात बजे से दोपहर तीन बजे तक चक्का जाम आंदोलन चला. इस अवसर पर अवशेष राम, प्रकाश राम, एतो राम, राजेश राम, भोला राम, कारू राम, तिजु राम, लालदेव राम, हरिहर राम, बंधन राम, अशोक राम, उमेश राम, बाढ़ो राम, लालू राम, पारो देवी, मंजु देवी, मीना मसोमात, रीना देवी, उषा देवी, बालकिशुन यादव, विकास यादव, जिरवा देवी, रघु यादव आदि मौजूद थे.
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