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Saharsa news : चावल-दाल से लेकर साग-सब्जियों तक की कीमतें बढ़ीं

Saharsa news : अनियमित मौसम एवं जलवायु जोखिम के साथ-साथ खाद्यान्न महंगाई से लोगों को भारी झटका लगा है.

Saharsa news : चावल-दाल से लेकर साग-सब्जियों व दवाइयों तक की बढ़ती कीमत के बीच रोजमर्रा के सामान बेचनेवाली एफएमसीजी कंपनियों ने भी आम लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. बीते दो से तीन महीनों में इन कंपनियों ने फूड व पर्सनल केयर से जुड़े कई प्रोडक्ट्स के दाम 12 से 17 प्रतिशत तक बढ़ा दिए हैं. आनेवाले समय में अभी कई प्रोडक्ट्स के दाम बढ़ने वाले हैं. ऐसे में महंगाई से आम लोगों को राहत मिलती नजर नहीं आ रही है. महंगाई के कारण लोग कहां-कहां समझौता करें यह समझ पाना बहुत मुश्किल हो गया है.

खर्च में कटौती ही है उपाय

महंगाई ने लोगों की थाली का स्वाद बिगाड़ दिया है. आसमान छूती सब्जियों के दाम, दूध, फल व अन्य खाद्य सामग्रियों की बढ़ी कीमतों के कारण लोग बचत के लिए रसोई व खाने-पीने के सामान में कटौती करने लगे हैं. लोगों का कहना है कि जिस तरह से लगातार महंगाई बढ़ रही है, उससे परिवार चलाना मुश्किल हो रहा है. जो लोग पहले हर दिन दूध के दो पैकेट मंगाते थे, वे अब सिर्फ एक पैकेट ही मंगा रहे हैं. इतना ही नहीं लोगों ने अपने पालतू जानवरों के खाने में भी कटौती शुरू कर दी है. दवाइयों से लेकर, चावल दाल, साग सब्जियों, फल, ड्राइ फ्रूट्स व पर्सनल केयर प्रोडक्ट्स की कीमतें भी बढ़ गयी हैं. लोगों का कहना है कि प्रतिदिन उपयोग में आनेवाली सामग्रियों की कीमतों में वृद्धि से काफी परेशानी हो रही है. सरकार को इनकी कीमतों पर शीघ्र नियंत्रण करना चाहिए.

बेईमान मौसम भी है वजह

महंगाई के लिए केवल सब्जियां, विशेषकर टमाटर ही जिम्मेदार नहीं है. इसके बजाय, अनाज, दाल, मसाले एवं ड्राइ फ्रूट्स समेत खाद्य पदार्थों तक की कीमतें बढ़ गयी हैं. यही हाल आसमान छूती सब्जियों के दाम एवं दूध, फल और अन्य खाद्य सामग्रियों का है. पिछले तीन माह में खाद्य महंगाई में तेज बढ़ोतरी दिखी है. इसका मुख्य कारण कुछ फसलों को नुकसान होना माना जा रहा है. जानकारों का कहना है कि अनियमित मौसम एवं जलवायु जोखिम के साथ-साथ खाद्यान्न महंगाई से लोगों को भारी झटका लगा है.

महंगाई डिमांड व सप्लाई पर निर्भर

सहरसा के व्यापारियों का कहना है कि महंगाई का बढ़ना एवं घटना प्रोडक्ट की डिमांड एवं सप्लाई पर निर्भर करता है. लोगों के पास पैसे ज्यादा होंगे, तो वह ज्यादा चीजें खरीदेंगे. ज्यादा चीजें खरीदने से सामग्री की डिमांड बढ़ेगी. डिमांड के मुताबिक सप्लाई नहीं होने पर इन चीजों की कीमतें बढ़ेंगी. इस तरह बाजार महंगाई की चपेट में आ जाता है. सीधे शब्दों में कहें तो बाजार में पैसों का अत्यधिक बहाव या चीजों की शॉर्टेज महंगाई का कारण बनती है. वहीं डिमांड कम होगी एवं सप्लाई ज्यादा तो महंगाई कम होगी.

सब्जियों की कीमत रुपये प्रति किलो

आलू 38 से 40, प्याज 45 से 50, टमाटर 100 से 120, बैगन 60 से 70, भिंडी 40 से 50, परवल 40 से 50, हरा मिर्च 120 से 125, चठेल 100, टमाटर 100 से 110, करेला 40 से 50 रुपए प्रति किलो की दर से बिक रहा है, जो लोगों के पहुंच से बाहर निकल रहा है. इसके साथ ही आलू एवं प्याज की कीमत में भी प्रतिदिन बढोतरी से लोगों को खासी परेशानी हो रही है, जबकि इस क्षेत्र में सब्जियों के नाम पर आलू सबसे अधिक बिकता है, जो इन दिनों 40 रुपये किलो तक जा पहुंचा है. यह अमूमन पांच से 15 रुपये किलो तक ही बिकता रहा है. यही हाल इन दिनों प्याज का भी हो गया है. 15 से 25 तक बिकनेवाला प्याज इन दिनों 45 रुपये किलो बिक रहा है, जो आम लोगों की पहुंच से बाहर है.

थाली से गायब हो रहीं दाल व सब्जियां

कई कारणों के चलते फल-सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं. इसके कारण आमलोगों की थाली से दाल व सब्जियां गायब होती जा रही हैं. पिछले एक माह में सब्जियों की कीमत में तीन गुना इजाफा हो चुका है. कुछ दिन पूर्व तक 50 रुपये प्रति किलो बिकनेवाला टमाटर 100 रुपये किलो के स्तर पर पहुंच गया है. यही कारण है कि अधिकांश लोग टमाटर का दाम सुनते ही आगे बढ़ जा रहे हैं. लहसुन का रेट 250 रुपये प्रति किलो बिक रहा है. सब्जी मंडी में नेनुआ, आलू से लेकर प्याज एवं कद्दू भी महंगे हो गए हैं. वहीं जीवन जीने के लिए दैनिक उपभोग की वस्तुएं बजट से बाहर होती जा रही हैं. घरेलू खर्च का बजट पूरी तरह से गड़बड़ा गया है. सबकुछ महंगा हो गया है.

महंगाई लोगों को कर रही परेशान

गृहिणी काजल चंद्रा बढ़ती महंगाई से खासी परेशान दिखीं. उन्होंने सरकार से इस पर तत्काल राहत दिलाने की मांग की. उन्होंने कहा कि सरकार दैनिक उपभोग की बेहद आवश्यक वस्तुओं के दाम में कमी करके जल्द से जल्द महंगाई से आम आदमी को राहत प्रदान करे.समाजसेवी अबुल फह शाजली ने कहा कि सरकार दैनिक उपभोग की बेहद आवश्यक वस्तुओं के दाम में कमी करके जल्द से जल्द महंगाई से आम आदमी को निजात दिलाए. इससे मध्यम और गरीब वर्ग के लोग अपनी जरूरत के सामान की खरीदारी कर पाएंगे और साथ में कमाई के हिसाब से कुछ पैसे की बचत भी कर पाएंगे.

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