रांची़ झारखंड हाइकोर्ट ने अंचलाधिकारी शशिभूषण सिंह की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि किसी कर्मचारी का तबादला करना सरकार का नीतिगत मामला है. खास कर प्रशासनिक कारणों से किये गये तबादले में अदालत हस्तक्षेप नहीं करता. इस निर्देश के साथ जस्टिस डॉ एसएन पाठक की अदालत ने पदस्थापन की प्रतीक्षा में रहे अंचलाधिकारी शशिभूषण सिंह की तबादले के खिलाफ दायर याचिका खारिज कर दी. श्री सिंह ने याचिका दायर कर सरकार के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसके तहत विभाग में योगदान करने का निर्देश दिया गया था. प्रार्थी की ओर से अदालत को बताया गया कि वर्ष 2021 में उन्हें हजारीबाग के चुरचू, हजारीबाग में सीओ के पद पर पदस्थापित किया गया. इसके दो साल बाद ही उनका तबादला हजारीबाग सर्किल में कर दिया गया. एक साल बाद उन्हें गोविंदपुर में स्थानांतरित किया गया और साथ ही विभाग में योगदान देकर पदस्थापन की प्रतीक्षा में रख दिया गया. इसके खिलाफ उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दायर की. पूर्व में सुनवाई करते हुए अदालत ने यथास्थिति बनाये रखने का अंतरिम निर्देश दिया था. शुक्रवार को सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से बताया गया कि प्रशासनिक कारणों से उनका तबादला किया गया है. इसके बाद अदालत ने पूर्व में दिये गये अंतरिम आदेश को समाप्त करते हुए प्रार्थी की याचिका खारिज कर दी.
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