प्रमुख संवाददाता (रांची). झारखंड में पारा मेडिकल कर्मियों की नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया है. झारखंड हाइकोर्ट ने शुक्रवार को पारा मेडिकलकर्मियों की नियुक्ति के लिए बनी नियमावली को चुनौती देनेवाली याचिका को खारिज कर दिया. स्वास्थ्य विभाग की अनुशंसा के बाद झारखंड राज्य कर्मचारी चयन आयोग ने 2383 पदों की नियुक्ति के लिए वर्ष 2023 में विज्ञापन जारी किया था. प्रार्थी ने नियमावली की कुछ शर्तों को असंवैधानिक करार देते हुए अदालत से इस नियुक्ति प्रक्रिया रद्द करने का आग्रह किया था. सभी पक्षों को सुनने के बाद चीफ जस्टिस डॉ बीआर षाड़ंगी और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने याचिका खारिज कर दी. इस संबंध में विनोद उरांव एवं अन्य ने याचिका दायर की थी.
आयोग ने कहा : सरकार की नियमावली के अनुसार जारी किया विज्ञापन
याचिका में नियुक्ति नियमावली के उस प्रावधान को चुनौती दी गयी थी, जिसमें कहा गया है कि संविदा पर पांच वर्ष तक काम करनेवाले कर्मियों, जिनकी सेवा निरंतर रही है और जो सरकारी अस्पताल में काम कर रहे हैं, उन्हें अधिकतम 50 अंक भी दिये जायेंगे. प्रार्थी का कहना था कि इस तरह का प्रावधान नियमावली में शामिल करना भेदभाव करने जैसा है. इस कारण नियुक्ति प्रक्रिया और नियुक्ति के लिए जारी विज्ञापन रद्द कर दिया जाना चाहिए. झारखंड कर्मचारी आयोग की ओर से पक्ष रखते हुए अधिवक्ता संजय पिपरावाल ने अदालत को बताया कि सरकार की नियमावली के अनुसार आयोग ने विज्ञापन जारी किया है. जबकि सरकार का कहना था कि नियमावली का यह प्रावधान असंवैधानिक नहीं है. संविदा पर काम करनेवालों को नियुक्ति में प्राथमिकता पहले भी दी गयी है. सभी पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने याचिका खारिज कर दी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है