रांची. नेशनल ज्यूडिशियल एकेडमी भोपाल की ओर से अंतरराष्ट्रीय अपराध पर आयोजित कार्यशाला का उद्घाटन शुक्रवार को ज्यूडिशियल एकेडमी झारखंड में हुआ. 14 जुलाई तक चलने वाले तीन दिवसीय कार्यशाला का उद्देश्य न्यायिक पदाधिकारियों को अंतरराष्ट्रीय अपराधों के जटिल व विकसित परिदृश्य में प्रभावी ढंग से समाधान के लिए आवश्यक ज्ञान और कौशल से लैस करना है. इस कार्यशाला में प्रत्येक राज्य के हाइकोर्ट से मनोनीत 25 न्यायिक पदाधिकारी शामिल हो रहे हैं. इन्हें चेक गणराज्य की संस्था सेंट्रल एंड ईस्टर्न यूरोपियन लॉ इनिसिएटिव, अमेरिका की संस्था फेडरल ज्यूडिशियल सेंटर व नेशनल ज्यूडिशियल एकेडमी भोपाल के चयनित न्यायिक पदाधिकारी द्वारा अंतरराष्ट्रीय आपराधिक मामलों जैसे मादक पदार्थ तस्करी, मानव तस्करी, साइबर अपराध, आंतकवाद, वन्य जीव तस्करी आदि के विभिन्न आयामों से अवगत कराया जायेगा. कार्यशाला की शुरुआत ज्यूडिशियल एकेडमी झारखंड के निदेशक सुधांशु कुमार शशि ने किया. उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक अर्थव्यवस्था एवं प्रौद्योगिकी के निरंतर विकास ने अंतरराष्ट्रीय आपराधिक नेटवर्कों के संचालन को सुगम बना दिया है. अब वे और अधिक परिष्कृत हो चुके हैं, जिन्हें पता करना कठिन है. भारत पर भी अंतरराष्ट्रीय अपराधों का प्रभाव बहुआयामी व दूरगामी है. यह कार्यशाला न्यायिक पदाधिकारियों को और अधिक दक्ष बनायेगी.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है