मोतिहारी.सुलह-समझौते से मुकदमे के निबटारे में ही दोनों पक्षों की भलाई है. अनावश्यक मुकदमे बाजी से समय और पैसे की बर्बादी के साथ ही आपसी संबंध भी बिगड़ जाता है. विकास बाधित होता है. उक्त बातें शनिवार को न्यायालय परिसर में आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत कार्यक्रम के उद्घाटन अवसर पर वक्ताओं ने कही. कार्यक्रम का उद्घाटन जिला एवं सत्र न्यायाधीश देवराज त्रिपाठी, डीएम सौरभ जोरवाल, पुलिस अधीक्षक कांतेश मिश्रा, प्रधान न्यायाधीश संदीप कुमार सिंह एवं विधिक संघ के महासचिव नरेंद्र देव एवं सेंट्रल बैंक के क्षेत्रीय प्रबंधक एवं अधिवक्ता राजीव द्विवेदी ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया. इस दौरान गठित बेंचों द्वारा 2211 मामलों का निष्पादन समझौता के आधार पर किया गया. जिसमें 746 मामले न्यायालय से संबंधित 47 मामले क्लेम एवं 1402 बैक तथा 17 मामले बीएसएनएल से सम्बंधित थे. इस दौरान आठ करोड़ से अधिक मामले सेटल हुए. कार्यक्रम का संचालन डीएलएस के सचिव राजेश दुबे एवं दंडाधिकारी गौरव कुमार सिंह तथा धन्यवाद ज्ञापन प्रधान न्यायाधीश संदीप सिंह ने किया. इस अवसर पर सभी न्यायिक पदाधिकारी, अधिवक्ता ,पक्षकार एवं न्यायालय कर्मी उपस्थित थे. निपटारे के का अधिकाधिक लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रधान न्यायाधीश संदीप कुमार सिंह विशेष न्यायाधीश मुकुंद कुमार सूर्यकांत तिवारी एवं अन्य न्यायिक प्राधिकारी एवं अधिवक्ता गणों को शामिल कर 18 न्यायिकपीठों का गठन मोतिहारी स्थित न्यायालय परिसर में तथा विवेक कुमार उपाध्याय मुंसिफ तथा न्यायालय दंडाधिकारी विनीत कुमार सिंह के नेतृत्व में दो पीठ सिकरहना मुख्यालय ढाका में तथा अरेराज अनुमंडल मुख्यालय कोर्ट में अपर न्यायाधीश मनीष कुमार पांडे के नेतृत्व में तीन सदस्यीय एक कोर्ट का गठन किया गया था. लोक अदालत में बैक अधिकारी प्रफुल्ल कुमार झा संजीव कुमार सिंह अधिवक्ता ओमप्रकाश आदि थे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है