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किसानों को पहले दिन जूट की रेशों को गुथने का सिखाया गुर

20 किसान मशीन से 20 किसानों को हाथ से सामान बनाने को लेकर बतायी गयी कला

कटिहार. संयुक्त कृषि भवन कटिहार के सभागार में आइसएआर नीन्फीट कोलकाता से आये वैज्ञानिकों में डॉ डीपी राय, डॉ सुजय दास, डॉ इस्प्तिा दास ने दस दिवसीय किसानों के जूट प्रशिक्षण का फीता काटकर उद्घाटन किया. इससे पूर्व संयुक्त कृषि भवन के सभागार में वैज्ञानिकों ने चयनित 40 एससी किसानों को जूट की खेती करने व जूट की सामग्री बनाकर आत्मनिर्भर होने की जानकारी दी गयी. उनलोगों ने बताया कि आने वाला समय पूरी तरह से प्लास्टिक विहीन होगा. इसको लेकर जूट से ही कई तरह के सामाग्रियाें का निर्माण कर बाजार में लाने को लेकर कवायद की जा रही है. इसके बाद चयनित सभी चालीस किसानों को आइएसआर की ओर से सभी को जूट से बना बैग दिया गया. जिसमें कई कीमती व महत्वपूर्ण सामान उपलब्ध कराये गये. खासकर जूट से सामग्री बनाने के रूप में काम आने वाली कैंची, सूई धागा, दो तरह के गोंद, क्रूस, स्टेपनर, कलम, मार्कर दो तरह के उपलब्ध कराये गये. उसके बाद दो टुकड़ों में बांटकर प्रशिक्षण की शुरूआत की गयी. बीस एससी किसानों को मशीन पर बीस एससी किसानों को हाथ से सामानों के निर्माण को लेकर गुर सिखाये गये. जूट से बनने वाले सामान निर्माण को लेकर मापतौल आदि की भी जानकारी दी गयी. मालूम हो कि दस दिवसीय जूट से संबंधित प्रशिक्षण के दौरान किसानों को संठी से कारबन, खिलौना,राखी, शिकहर, बैग, महिला पर्स, ज्वेलरी आदि बनाने के गुर सिखाया जाना है. डॉ सुजय दास ने बताया कि जूट की खेती से किसानों को काफी लाभ मिलेगा. जूट की खेती करने से जूट की पत्ती से जूट लीफ बनाया जा सकता है. डॉ इप्सिता दास ने जूट से संबंधित जूट लीफ, संठी का बिस्कीट आदि बनाया जा सकता है. उपपरियोजना निदेशक शशिकांत झा ने बताया कि आईसीएआर नीनफेट कोलकाता के एससीएसपी योजना अंतर्गत कटिहार जिले के विभिन्न प्रखंडों के अनुसूचित जाति के महिला एवं पुरुष बेरोजगार कृषकों को जूट से बैग फोल्डर एवं हैंडीक्राफ्ट से संबंधित प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया. प्रशिक्षण 10 दिनों तक चलेगा. सफलता पूर्वक प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले कृषकों को आईसीएआर निनफेट के द्वारा सर्टिफिकेट भी दिया जायेगा. साक्षात्कार के बाद चालीस किसानों को दिया गया बैग कार्यक्रम के दौरान पहले दिन एससी किसानों का साक्षात्कार लिया गया. कुल साठ किसानों में चालीस किसानों का साक्षात्कार के आधार पर प्रशिक्षण के लिए चयनित किया गया. उपपरियोजना निदेशक शशि कुमार झा ने बताया कि पहले दिन एएसी किसानों के प्रमाण पत्रों की जांच की गयी. किसानों का रजिस्ट्रेशन कार्य को पूर्ण किया गया. एससी किसानों का आधार और जाति प्रमाण पत्र का बारीकी से निरीक्षण कर प्रमाणपत्र के छायाप्रति को रख लिया गया.

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