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मजदूर का शव घर नहीं आ सका, शोक व आक्रोश

मजदूर का शव घर नहीं आ सका, शोक व आक्रोश

केतार प्रखंड क्षेत्र के आदिवासी बहुल कुशवानी गांव के 30 वर्षीय मजदूर देवेंद्र चेरो बेंगलुरु में रहकर मजदूरी करता था. वहां उसकी सड़क दुर्घटना में मौत हो गयी. पर पैसे के अभाव में परिजनों को उसका शव तक नहीं मिला. मिली जानकारी के अनुसार कुशवानी गांव निवासी स्व परमेश्वर चेरों के 30 वर्षीय पुत्र देवेंद्र चेरो घर का इकलौता कमाऊ सदस्य था. वह एक माह पूर्व मजदूरी करने बेंगलुरु गया था. वहां गत मंगलवार की रात सड़क पार करते समय वाहन की चपेट में आने से उसकी मौत हो गयी. इसकी सूचना साथ काम करने गये मजदूरों ने घर वालों को दी. कंपनी के खर्च पर गांव के वार्ड सदस्य मनोहर उरांव व उपेंद्र सिंह के साथ गर्भवती पत्नी विद्यावती देवी अपनी पति का शव लेने बेंगलुरु पहुंची. जहां कंपनी के लोग एवं वहां की प्रशासन ने कागजात पर हस्ताक्षर लेकर शव लेने आये परिजनों को यह कहकर वापस भेज दिया कि शव ले जाने में एक लाख रुपये का खर्च आयेगा. इसके बाद परिजनों ने कंपनी के साथ-साथ केतार प्रखंड क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों से भी शव लाने की गुहार लगायी. पर कहीं से भी मदद नहीं मिली. इसके बाद शव का शुक्रवार को बेंगलुरु में ही अंतिम संस्कार कर दिया गया. इधर मृतक देवेंद्र चेरों की दो वर्षीय पुत्री, चाचा प्रकाश सिंह व रामप्रीत चेरो के साथ-साथ शव आने का इंतजार कर रहे ग्रामीणों को भी मृतक मजदूर का अंतिम दर्शन नहीं हो सका. इधर बेंगलुरु शव लेने गये मजदूर की गर्भवती पत्नी सहित अन्य लोग अब वापस लौट रहे हैं. इस घटना से पूरे गांव में जनप्रतिनिधियों के विरुद्ध आक्रोश व्याप्त है.

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