मोहनपुर : मोहनपुर में चिटफंड कंपनियां तेजी से पाव पसार रही हैं. गरीब परिवारों के बीच उनसे जुड़े हुए कर्मी घूम रहे हैं. वे इन परिवारों के बीच किस्त बार भुगतान की सहूलियत देकर लोन दे रहे हैं. सैकडों परिवार इन कंपनियों के चंगुल में फंस चुके हैं. कंपनियों के कर्मी ऋणधारकों के साथ हफ्ते में एक दिन बैठक करते हैं और दिये गये लोन के वसूली का दबाव बनाते हैं. कर्जदारों के साथ अनेक बार वे अभद्रता से पेश आते हुए भी देखे गये हैं. नाम नहीं छापने की शर्त पर कुछ कर्जधारकों ने बताया कि हर हफ्ते लोन की किस्त जमा करने के दबाव में वे तनाव ग्रस्त हो जाते हैं. कर्जदारों में महिलाओं की संख्या सर्वाधिक है. बताया जाता है कि 10000 से 50000 तक यह कंपनियां कर्ज बांटती है. कर्ज देने के लिए औपचारिकताएं बहुत कम है. इस कारण लोन लेने वाले उनके ओर आकर्षित हो जाते हैं. यह भी बताया है कि अनेक कंपनियां बिना सरकारी निबंधन के संचालित हो रही है. यह एक प्रकार से आर्थिक अपराध भी है. जब सरकार स्वयं सहायता समूह और जीविका के माध्यम से गरीब परिवारों को आर्थिक रूप से स्वावलंबन बनाने का दावा करती है, तब इन कंपनियों द्वारा गरीबों का शोषण सरकारी योजनाओं पर सवालिया निशान खड़ा करता है.
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