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मिथिला नवजीवन हास्पिटल की दो सदस्यीय टीम ने की जांच

स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव ने इस मामले को गंभीरता से लिया है. उन्होंने इस आवेदन पर मामले की जांच के लिए आदेश दिये हैं.

मधुबनी . मरीज के साथ अमानवीय व्यवहार करने एवं रिपोर्ट गलत दिये जाने का मामला अब तूल पकड़ लिया है. बाबूबरही निवासी मनोज झा द्वाराअपर मुख्य सचिव को नवजीवन मिथिला हास्पीटल अस्पताल में जांच की गलत रिपोर्ट देने और खुले में ऑपरेशन तथा मानक का खुलेआम उल्लंघन करने संबंधी आवेदन दिये जाने के मामले पर कार्रवाई शुरु हो गयी है. स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव ने इस मामले को गंभीरता से लिया है. उन्होंने इस आवेदन पर मामले की जांच के लिए आदेश दिये हैं. जिसके बाद सोमवार को दो सदस्यीय टीम का गठन कर जांच शुरू कर दी गई. हालांकि जांच टीम द्वारा अभी कुछ भी बताने से इंकार किया है. लेकिन जांच के बाद अस्पताल प्रबंधन में हड़कंप मचा है. अपर मुख्य सचिव के निर्देश के आलोक में एसीएमओ डा. आरके सिंह व डीपीएम पंकज कुमार मिश्रा ने सोमवार को मिथिला नवजीवन हास्पिटल पर पहुंच मामले की जांच किया. इस दौरान जांच टीम ने पीड़ित महिला पूनम देवी के निवास काको गांव जाकर उनकी बयान भी लिया. क्या है मामला: जानकारी के अनुसार बीते दिनों मिथिला नवजीवन अस्पताल में एक पीड़िता के साथ अमानवीय व्यवहार करने एवं जांच रिपोर्ट गलत दिये जाने की बात सामने आयी. इस मामले को लेकर बाबूबरही निवासी मनोज झा ने अपर मुख्य सचिव को नवजीवन मिथिला हासपिटल अस्पताल में जांच की गलत रिपोर्ट देने और खुले में ऑपरेशन तथा मानक का खुलेआम उल्लंघन करने के संबंध में आवेदन देकर मामले की जांच की गुहार लगाया. आवेदन में श्री मनोज ने भगवती स्वास्थ्य सेवा सदन झंझारपुर एवं नवजीवन हॉस्पिटल प्राइवेट लिमिटेड मधुबनी के दोनों निजी अस्पतालों में काको निवासी मरीज पूनम देवी की हेपेटाइटिस बी की जांच रिपोर्ट में का खुलासा किया है. इसमें भारी अंतर है. पहले भगवती स्वास्थ्य सेवा सदन रिपोर्ट को नेगेटिव बताता है. इसके बाद मिथिला नवजीवन हॉस्पिटल प्राइवेट लिमिटेड उसी मरीज के रिपोर्ट को पॉजिटिव रिपोर्ट बताता है. इसके बाद भी नवजीवन हॉस्पिटल मरीज को एडमिट कर लेता है. इसके बाद मरीज के साथ अमानवीय अत्याचार किया जाता है. मरीज पूनम गांव का ऑपरेशन खुलेआम आईसीयू में सफाई करने वाला पुरूष कामगार से कराया जाता है. यहां उसे उसे दो घंटे तक नग्न अवस्था में खुलेआम रखा गया. लोगों के देखने पर मरीज पूनम खुद को आत्मग्लानि महसूस करती थी. जिस तरह से मानवाधिकार हनन हुआ, वह जिले के आमजन के लिए आम बात बन गया है. निजी अस्पताल नवजीवन प्राइवेट हॉस्पिटल द्वारा स्वास्थ्य विभाग के मानक का खुलेआम उल्लंघन किया गया है. इस सन्दर्भ में जांच अधिकारी एसीएमओ डा आरके सिंह ने कहा कि मामले की जांच जारी है. जांच रिपोर्ट सीएस को सौंप जाएगा.

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