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जनरल फिजिशियन के नाम पर मरीजों का इलाज कर रहे ट्रेनी आयुष चिकित्सक

मनसाही पीएचसी में मरीजों को बेहतर इलाज को लेकर संदेह की स्थिति

कटिहार. स्वास्थ्य विभाग में चिकित्सकों की कमी कहें या फिर लचर व्यवस्था, जनरल फिजिशियन के नाम से मरीजों का इलाज के लिए पर्चा कट रहा है. इलाज कराने आये मरीजों को ट्रेनी आयुष चिकित्सक देख रहे हैं. यह मामला मनसाही पीएचसी की है जहां सोमवार को जेनरल ओपीडी में कुल 75 मरीजों के नाम पर्चा काटी गयी. इसमें 73 मरीजों का पर्चा एमबीबीएस महिला चिकित्सक के नाम से जारी हुआ. लेकिन इन मरीजों का इलाज ट्रेनी महिला आयुष चिकित्सक ने किया. इसको लेकर मरीजों में बेहतर इलाज को लेकर संशय की स्थिति है. मरंगी से आयी महिला मरीज लता देवी व मरंगी के ही निरंजन पासवान ने बताया कि वे लोग इलाज के लिए आये हैं. एक बुखार व गुड़ा से पीड़ित हैं उनके द्वारा ओपीडी में एमबीबीएस महिला चिकित्सक का पर्चा काटा गया लेकिन उनका इलाज ट्रेनिंग के लिए आये आयुष महिला चिकित्सक ने किया. मरीज की शिकायत अवगत कराने के बाद साहेबनगर पंसस कन्हैया कुमार पासवान ने सीएस से इसकी शिकायत मोबाइल पर की, साथ ही उनके व्हाट्सएप पर मरीजों के पूजा आदि भेजी गयी. एमबीबीएस के डॉक्टर के नाम से परचा काट आयुष चिकित्सक से इलाज कराने को लेकर तथ्यों से अवगत कराया. जानकारी के अनुसार, मनसाही पीएचसी में एमबीबीएस चिकित्सकों की संख्या चार है, जिसमें प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ श्रीप्रकाश, डॉ मनोज कुमार चौधरी, डॉ भावना भारती, डॉ प्रेम राज हैं. जबकि आयुष डॉक्टरों में डॉ तलत नाज, डॉ निकिता, डॉ मनीष कुमार रजक, डॉ मनीष कुमार सिंह हैं. डॉ मनीष कुमार सिंह को भागलपुर के लिए प्रतिनियुक्ति पर भेजा गया है. उनका कहना कि आयुष चिकित्सक 15 दिनों के लिए ट्रेनिंग में आये थे. चुनाव के मद्देनजर इनलोगों को अब तक विरमित नहीं किया गया है. इसके बाद भी उनका कहना था कि ओपीडी में एक एमबीबीएस चिकित्सक का रहना अत्यावश्यक हैं. मामले में सत्यता को लेकर सीएस डॉ जितेन्द्रनाथ सिंह से पूछे जाने पर बताया कि चिकित्सकों की भारी कमी है. स्वीकृत पद के अनुपात 40 प्रतिशत चिकित्सकों से कार्य लिया जा रहा है. आयुष चिकित्सक भी इलाज कर सकते हैं. वे ऑथोराइज्ड हैं, उनको भी इलाज करने के लिए रखा गया है. स्वास्थ्य विभाग में चिकित्सकों की कमी कहें या फिर लचर व्यवस्था, जनरल फिजिशियन के नाम से मरीजों का इलाज के लिए पर्चा कट रहा है. इलाज कराने आये मरीजों को ट्रेनी आयुष चिकित्सक देख रहे हैं. यह मामला मनसाही पीएचसी की है जहां सोमवार को जेनरल ओपीडी में कुल 75 मरीजों के नाम पर्चा काटी गयी. इसमें 73 मरीजों का पर्चा एमबीबीएस महिला चिकित्सक के नाम से जारी हुआ. लेकिन इन मरीजों का इलाज ट्रेनी महिला आयुष चिकित्सक ने किया. इसको लेकर मरीजों में बेहतर इलाज को लेकर संशय की स्थिति है. मरंगी से आयी महिला मरीज लता देवी व मरंगी के ही निरंजन पासवान ने बताया कि वे लोग इलाज के लिए आये हैं. एक बुखार व गुड़ा से पीड़ित हैं उनके द्वारा ओपीडी में एमबीबीएस महिला चिकित्सक का पर्चा काटा गया लेकिन उनका इलाज ट्रेनिंग के लिए आये आयुष महिला चिकित्सक ने किया. मरीज की शिकायत अवगत कराने के बाद साहेबनगर पंसस कन्हैया कुमार पासवान ने सीएस से इसकी शिकायत मोबाइल पर की, साथ ही उनके व्हाट्सएप पर मरीजों के पूजा आदि भेजी गयी. एमबीबीएस के डॉक्टर के नाम से परचा काट आयुष चिकित्सक से इलाज कराने को लेकर तथ्यों से अवगत कराया. जानकारी के अनुसार, मनसाही पीएचसी में एमबीबीएस चिकित्सकों की संख्या चार है, जिसमें प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ श्रीप्रकाश, डॉ मनोज कुमार चौधरी, डॉ भावना भारती, डॉ प्रेम राज हैं. जबकि आयुष डॉक्टरों में डॉ तलत नाज, डॉ निकिता, डॉ मनीष कुमार रजक, डॉ मनीष कुमार सिंह हैं. डॉ मनीष कुमार सिंह को भागलपुर के लिए प्रतिनियुक्ति पर भेजा गया है. उनका कहना कि आयुष चिकित्सक 15 दिनों के लिए ट्रेनिंग में आये थे. चुनाव के मद्देनजर इनलोगों को अब तक विरमित नहीं किया गया है. इसके बाद भी उनका कहना था कि ओपीडी में एक एमबीबीएस चिकित्सक का रहना अत्यावश्यक हैं. मामले में सत्यता को लेकर सीएस डॉ जितेन्द्रनाथ सिंह से पूछे जाने पर बताया कि चिकित्सकों की भारी कमी है. स्वीकृत पद के अनुपात 40 प्रतिशत चिकित्सकों से कार्य लिया जा रहा है. आयुष चिकित्सक भी इलाज कर सकते हैं. वे ऑथोराइज्ड हैं, उनको भी इलाज करने के लिए रखा गया है.

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