-मृतक के भाई का आरोप, शिकायत करने पर चिकित्सक ने जूतों से पीटा -कटरा के बाराडीह निवासी सुधीर का हुआ था ऑपरेशन मुजफ्फरपुर. उत्तर बिहार के सबसे बड़े अस्पताल एसकेएमसीएच में चिकित्सक की लापरवाही देखने को मिली है. यहां इलाज के दौरान मरीज की मौत के बाद परिजनों को सवाल पूछने का भी अधिकार नहीं है. भले ही गरीब की जान क्यूं ना चली जाए लेकिन आवाज उठाने पर डॉक्टर नहीं सुनते हैं. चार महीनों में पांच बार ऐसी घटनाएं हो चुकी है. इन मामलों में अस्पताल प्रशासन और पुलिस प्रशासन मौन बना रहता है. ताजा मामला कटरा थाना अंतर्गत बाराडीह के रहने वाले सुधीर कुमार का है जिनकी मौत हो चुकी है. एसकेएमसीएच में पेट का ऑपरेशन कराने वाले सुधीर के बड़े भाई संतोष ने अपने भाई की मौत के लिए डॉक्टर की लापरवाही को जिम्मेवार ठहरा रहे हैं. संतोष का आरोप है कि ऑपरेशन के बाद ऑन ड्यूटी डॉक्टर एक बार भी मरीज को देखने वार्ड में नहीं पहुंचे. दो बार रजिस्ट्रार के माध्यम से उन्हें कॉल गया. लेकिन साहब मच्छरदानी तान कर सो रहे थे. वहीं मरीज की मौत के बाद सवाल उठाने पहुंचे परिजनों के साथ मारपीट और बदसलूकी भी की गयी. मृतक के चचेरा भाई संतोष कुमार ने बताया कि डॉक्टर को जाकर बोले कि मेरा भाई डेथ कर गया. आप लोग देखने तक नहीं गये. वहां तीन डॉक्टर मच्छरदानी में सो रहे थे. इसके बाद डॉक्टर ने कहा कि तुमको अंदर किसने आने दिया. हम क्यों जाएं मरीज को देखने, इसके बाद जूता निकालने लगे. रूम से धक्का देकर डॉक्टर ने बाहर निकाल दिया. अन्य डॉक्टरों को बुला कर मारपीट शुरू कर दिया. मृतक के परिजनों ने एसकेएमसीएच अधीक्षक और एसकेएमसीएच थाने में लिखित शिकायत की है. एसकेएमसीएच अधीक्षक प्रो. डॉ कुमारी विभा ने बताया कि इमरजेंसी के कैजुल्टी रजिस्ट्रार से स्पष्टीकरण मांगा गया है. उनका जवाब आने के बाद ही इस मामले में कुछ कह सकते हैं. एसकेएमसीएच अधीक्षक प्रो. डॉ कुमारी विभा ने बताया कि इमरजेंसी के कैजुल्टी रजिस्ट्रार से स्पष्टीकरण मांगा गया है. उनका जवाब आने के बाद ही इस मामले में कुछ कह सकते हैं.
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