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फर्जी आरडीओ ‘प्रतिष्ठा’ के लिए खुद ही ट्रेन से हो गया अगवा

बेगूसराय के तेघड़ा के दीपक कुमार पाठक ने खुद ही खुसरूपुर स्टेशन से अपने अपहरण की साजिश रची थी. उसने अपनी प्रतिष्ठा बढ़ाने के लिए बीपीएससी की 67वीं परीक्षा पास होने और आरडीओ के पद पर ज्वाइनिंग का फर्जी कागजात बनाया था.

संवाददाता, पटना : बेगूसराय के तेघड़ा थाने के अंबा गांव के 34 वर्षीय दीपक कुमार पाठक ने खुद ही खुसरूपुर स्टेशन से अपने अपहरण की साजिश रची थी. खास बात यह है कि इसका ग्रामीण विकास पदाधिकारी (आरडीओ) के पद पर चयन भी नहीं हुआ था, बल्कि इसने समाज में अपनी प्रतिष्ठा बढ़ाने के लिए बीपीएससी की 67वीं परीक्षा पास होने और आरडीओ के पद पर ज्वाइनिंग का फर्जी कागजात बनाया था. इसके फर्जी आरडीओ होने का मामला सामने आने के बाद रेल पुलिस ने इस पर जालसाजी का केस बख्तियारपुर रेल थाने में दर्ज किया और गिरफ्तार कर लिया. रेल एसपी अमृतेंदु शेखर ठाकुर ने बताया कि इसने खुद ही अपहरण का नाटक किया था और बख्तियारपुर के एक होटल में था. पुलिस टीम ने इसे बरामद कर लिया है. साथ ही केस दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया गया है. पुलिस ने पूछा- भारत में हैं कितने राज्य, नहीं दे पाया जबाव : रेल पुलिस को दीपक ने भरमाने की कोशिश की. लेकिन पुलिस को शक हो गया कि वह आरडीओ नहीं है. रेल पुलिस ने उससे कुछ आसान सवाल भी पूछे. जैसे भारत में कितने राज्य हैं, यूपी की राजधानी कहां है आदि सवाल करने पर जवाब नहीं दे पाया. जांच में उसके कागजात फर्जी निकले. उसने गांव के ही एक और युवक दीपक के बीपीएससी परीक्षा में पास होने के आधार पर उसके नाम का इस्तेमाल शुरू कर दिया.

बख्तियारपुर के होटल में रुका, चाचा को फोन कर अगवा होने की दी सूचना

दीपक बेगूसराय के छौड़ाही प्रखंड में संविदा पर लेखा सहायक है. वह सोमवार को घर में यह बता कर निकला कि उसे गया में आरडीओ के पद पर योगदान है और प्रशिक्षण लेना है. उसने सुबह 7:30 बजे हथिदह स्टेशन पर कोसी एक्सप्रेस पकड़ी. वह बख्तियारपुर स्टेशन पर उतर गया. इसके बाद बगल में ही एक होटल में तीन दिनों के लिए कमरा ले लिया. इसने होटल के रजिस्टर में नाम व मोबाइल नंबर भी लिखा. इसके बाद 12 बजे रिश्ते के चाचा को फोन कर खुसरूपुर स्टेशन पर अपहरण होने व तीन लाख फिरौती मांगने की सूचना दी. साथ ही नहीं देने पर अपहर्ताओं द्वारा उसकी हत्या करने की जानकारी दी. इस पर दीपक के पिता रामानंद पाठक व अन्य परिजन तुरंत खुसरूपुर पहुंचे और केस दर्ज कराया. रेल एसपी ने तुरंत ही टीम का गठन किया. खुसरूपुर में पुलिस को उसके अपहरण होने का साक्ष्य नहीं मिला, तो बख्तियारपुर स्टेशन की जांच की. इसमें वह कई जगहों पर अपने चेहरे को छिपाते हुए सीसीटीवी फुटेज में दिख गया. पुलिस ने उसका लोकेशन निकाला, तो वह भी बख्तियारपुर स्टेशन के पास का ही दिखा. इसके बाद स्टेशन के पास होटलों की जांच की गयी, तो वह एक में मिल गया.

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