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प्रोपर्टी डीलर के हत्याकांड का पुलिस ने किया खुलासा, पांच आरोपित गिरफ्तार

रविवार की देर संध्या स्थानीय धनावां गांव के निकट संदिग्ध अवस्था में मृतक प्रोपर्टी डीलर का शव मिला था. शव मिलने के 48 घंटे के अंदर स्थानीय पुलिस ने मामले का खुलासा करने में सफलता हासिल की है. मृतक प्रोपर्टी डीलर अस्थावां थाना क्षेत्र के नोआमा गांव निवासी अयोध्या सिंह के 45 वर्षीय पुत्र प्रभात सिंह उर्फ वीरेंद्र प्रसाद की पीड़ित पत्नी के लिखित बयान पर स्थानीय थाना में प्राथमिकी दर्ज की गयी थी.

सरमेरा (नालंदा). रविवार की देर संध्या स्थानीय धनावां गांव के निकट संदिग्ध अवस्था में मृतक प्रोपर्टी डीलर का शव मिला था. शव मिलने के 48 घंटे के अंदर स्थानीय पुलिस ने मामले का खुलासा करने में सफलता हासिल की है. मृतक प्रोपर्टी डीलर अस्थावां थाना क्षेत्र के नोआमा गांव निवासी अयोध्या सिंह के 45 वर्षीय पुत्र प्रभात सिंह उर्फ वीरेंद्र प्रसाद की पीड़ित पत्नी के लिखित बयान पर स्थानीय थाना में प्राथमिकी दर्ज की गयी थी. दर्ज प्राथमिकी के आलोक में स्थानीय पुलिस ने वैज्ञानिक अनुसंधान के सहारे तहकीकात शुरू कर दी. एक अहम सुराग हाथ लगते ही पुलिस ने हत्याकांड के मास्टरमाइंड शेखपुरा जिले के जयरामपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत जगदीशपुर गांव निवासी शैलेंद्र प्रसाद का 25 वर्षीय पुत्र सुमित कुमार को गिरफ्तार किया गया. पुलिसिया पूछताछ के क्रम में मुख्य आरोपित ने पुलिस के समक्ष अपना जुर्म कबूल करते हुए स्वयं तथा अपने चार अन्य सहयोगियों के साथ मिलकर प्रोपर्टी डीलर के हत्या करने की बात कबूल किया है. मुख्य आरोपित ने अपने स्वीकारोक्ति बयान में कहा है कि मृतक प्रभात के साथ वर्ष 2015 से ही उसके साथ जान-पहचान थी. मृतक ने मुख्य आरोपित को एक जमीन दिलवाई थी, जिसमें आरोपित के अनुसार मृतक ने अधिक मुनाफा ले लिया था. जब कुछ समय बाद हत्याकांड के मास्टरमाइंड को पैसों की जरूरत पड़ी, तो वह अपनी जमीन मृतक के पास गिरवी रखकर कुछ पैसों की मांग कर रहा था. पैसा देने से मृतक ने मना कर दिया, तो खिसियाए सुमित ने डीलर की हत्या की योजना बना डाली. योजना के तहत हत्यारे ने डीलर को राजगीर जाने के बहाने बुलाकर गाड़ी में बिठाकर रस्सी से गला दबाकर उसकी हत्या कर दी. इसके बाद शव को ठिकाने लगाने के लिए सरमेरा थाना क्षेत्र के धनावां गांव के निकट सड़क पर फेंक दिया. हत्याकांड में शामिल गाड़ी का ड्राइवर कुंदन कुमार को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है. जो किसी गाड़ी मलिक की गाड़ी चलाता है. घटना के दिन उसने 3500 रुपये में गाड़ी का किराया तय कर गाड़ी लेकर आया था. परंतु हत्या की जानकारी होने के बाद उसने अधिक रुपये की मांग की, जिसे मुख्य आरोपित ने देने की बात स्वीकार कर ली थी. इस हत्याकांड में शामिल सभी आरोपित मुख्य आरोपित सुमित के गांव जगदीशपुर का ही है. गिरफ्तार बदमाशों के पास से चार मोबाइल सेट, बोलेनो गाड़ी एवं हत्या में उपयोग की गयी रस्सी भी बरामद की गयी है. आरोपितों की गिरफ्तारी को लेकर थानाध्यक्ष सह प्रशिक्षु डीएसपी मोहम्मद अजहरूद्दीन के नेतृत्व में गठित छापेमारी दल में पुलिस पदाधिकारी विकास कुमार यादव सहित अन्य पुलिस पदाधिकारी एवं सशस्त्र बल के जवान शामिल थे.

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