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सेल्स टैक्स की टीम ने गड़हनी बाजार में 25 दुकानों पर मारा छापा

दुकान के आगे जीएसटी नंबर नहीं होने पर छह लाख का लगाया जुर्माना

गड़हनी.

वाणिज्य कर विभाग ने मंगलवार को गड़हनी के गोला बाजार, नया बाजार, पुरानी बाजार के 20-25 व्यवसायियों के प्रतिष्ठानों पर छापेमारी की. इस दौरान रोहित मॉल, हिमांषु मॉल, प्रियांशु मॉल, अजय इलेक्ट्रॉनिक, कुशवाहा बीज भंडार, गुप्ता हार्डवेयर समेत कई प्रतिष्ठानों के बाहर जीएसटी नंबर प्रदर्शित नहीं करने पर करीब छह लाख रुपये का जुर्माना लगाया. वाणिज्य-कर विभाग की इस कार्रवाई के बाद दुकानदारों के बीच हड़कंप मच गया है. छापेमारी की भनक पाकर गड़हनी बाजार के कई दुकानदारों ने कुछ समय के लिए अपनी-अपनी दुकानें बंद कर फरार हो गये. वहां से वाणिज्य-कर की टीम जाने के बाद ही प्रतिष्ठानों ने फिर से अपनी दुकानें खोलवाया. शाहाबाद अंचल के राज्यकर संयुक्त आयुक्त हरेराम ने बताया कि वाणिज्य कर विभाग, पटना के निर्देश पर यह कार्रवाई की गयी है. विभाग ने लगातार व्यवसायिक प्रतिष्ठानों की जांच करने का निर्देश दिया है. छापेमारी दल में हरेराम राज्यकर सहायक आयुक्त, जयंती कुमारी राज्यकर सहायक आयुक्त, अमित कुमार डाटा एंट्री ऑपरेटर, मिथलेश श्रीवास्तव परिचारी,गार्ड प्रदीप कुमार श्रीवास्तव के नेतृत्व में प्रतिष्ठानों पर छापेमारी की गयी है. आगे बताया कि इसके लिए एक टीम भी गठित की जायेगी, जो प्रत्येक वार्ड में प्रतिष्ठानों की जांच करेगी. जीएसटी का बोर्ड प्रतिष्ठान के बाहर नहीं लगाने पर जीएसटी की धारा-125 का उल्लंघन है. प्रति प्रतिष्ठान पर 50 हजार रुपये तक का जुर्माना लगाया जायेगा. जीएसटी नेटवर्क पोर्टल पर पंजीकृत कारोबारियों के लिए दुकान, औद्योगिक इकाई या फिर अपने कार्यालय के बाहर बोर्ड पर जीएसटी नंबर प्रदर्शन करना जरूरी है. ऐसा नहीं करनेवाले व्यापारियों के विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई की जायेगी. बातचीत के दौरान शाहाबाद अंचल के राज्यकर सहायक संयुक्त आयुक्त हरेराम ने बताया कि जिले के कर-दाताओं को जो भी दिक्कतें आ रही हैं, उसके निराकरण के लिए वह मुझसे सीधा संपर्क कर सकते है. सभी कर-दाताओं को टैक्स की राशि ससमय जमा करने करना चाहिए. आइटीसी (इनपुट टैक्स क्रेडिट) से शत-प्रतिशत कर भुगतान करने वाले व्यापारियों की भी गहन जांच की जायेगी. जो नगद भुगतान नहीं कर रहे हैं, उन पर कार्रवाई होगी. वाणिज्य कर विभाग के अधिकारियों को ऐसे व्यापारियों की सूची तैयार करने का टास्क दिया गया है.

बोर्ड पर जीएसटी नंबर लिखने से अधिकारियों को होती है आसानी : व्यवसायियों को दुकानों के मेन बोर्ड या दीवार पर जीएसटी नंबर लिखना जरूरी है. जबकि बोर्ड पर नंबर न होने से यह स्पष्ट नहीं होता है कि उनके पास जीएसटी है कि नहीं. यदि उनके बोर्ड पर जीएसटी नंबर अंकित रहेगा, तो अधिकारियों को जांच करने में सुविधा रहेगी. पहले तो जीएसटी नंबर के जरिए पता चलेगा कि उनके द्वारा टैक्स जमा किया जाता है या नहीं. अधिकारियों ने बताया कि जीएसटी नंबर लगाना इसलिए भी अनिवार्य किया गया है कि इसके साथ पता लग सकेगा कि दुकानदार का कितना काम है, और वह कितना टैक्स अदा कर रहा है. अगर वह कम टैक्स अदा करता है, तो उस पर हिसाब से कार्रवाई की जायेगी.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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