झंझारपुर/ लखनौर. शहीद अजय कुमार झा के अंतिम यात्रा में लोगों का जनसैलाब उमड़ गया. 7:38 में शहीद अजय की अर्थी उठते ही उनकी पत्नी अनु देवी शरीर से लिपटकर चीत्कार मारने लगी. उनके करुण क्रंदन से लोगों का कलेजा फट रहा था. हर किसी के आंखों से आंसुओं की अविरल धारा बह रही थी. परिजन ने शहीद की पत्नी को किसी तरह उनके शरीर से अलग किया. शहीद के शव को उनके भजीते व चचेरे भाईयों द्वारा कंधा देकर शमशान स्थल (कलमबाग) तक लाया गया. करीब डेढ़ किलोमीटर की दूरी तय करने में एक घंटा लगा. जगह-जगह ग्रामीण सड़क के दोनों ओर खड़े होकर शहीद के पार्थिव शरीर पर फुल की वर्षा कर रहे थे. महिला, पुरुष, बृद्ध, युवा, बच्चे शहीद अजय की एक झलक पाने को बेताव दिख रहे थे. दर्जनों लोग शहीद अजय झा के अंतिम संस्कार के लिए ले जा रहे पार्थिव शरीर का फोटो मोबाइल व कैमरे में कैद करने में लगे हुए थे. अल्पसंख्यक टोला में पहुंचते ही लोगो का हुजूम एक बार देखने की ललक लिये दौड़ लगा रहे थे. शमशान स्थल (कलमबाग) के समीप पहले से हजारों की संख्या में पहुंचे थे. यहां लोग पेड़ पर चढ़कर शहीद की एक झलक पाने को बेताब थे. कलमबाग पहुंचते ही हिंदु रीतिरिवाज से अंतिम संस्कार की विधि हुई. उसके बाद सीआरपीएफ व पुलिस के अधिकारी ने शहीद को सैन्य सम्मान दी. और राजकीय सम्मान के तहत सांसद रामप्रीत मंडल, मंत्री शीला मंडल, डीएम अरविंद कुमार, एसपी सुशील कुमार व अन्य अधिकारी ने पुष्प गुच्छ अर्पित की. उसके बाद सैन्य सम्मान के तहत सीआरपीएफ बिहार के डीआइजी चंद्र भूषण एवं मुजफ्फरपुर ग्रुप सेंटर के डीआइजी राकेश कुमार व अन्य अधिकारियों ने पुष्प गुच्छ अर्पित कर सलामी दी. जिसके बाद पंडित के मंत्रोचार के बाद पुत्र अमन ने मुखाग्नि दी. इस दौरान सीआरपीएफ के जवानों एक एक कर आठ बार फायरिंग कर शहीद अजय कुमार झा को अंतिम सलामी दी.
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