-बीमारी की परिस्थितियों पर करेंगे मंथन-आरएमआरआई व आईजीआईएमएस के विशेषज्ञ करेंगे शोध मुजफ्फरपुर. जिले में डेंगू-चिकनगुनिया के मद्देनजर इस वर्ष एंटोमोलॉजिकल स्टडी और सेरिटाेजिकल स्टडी कराई जाएगी. आरएमआरआई व आईजीआईएमएस के विशेषज्ञ सर्वाधिक हाॅटस्पाॅट वाले स्थानाें काे चिह्नित कर इसकी स्टडी करेंगे. पिछले वर्ष जहां अधिक मरीज मिले हैं, वहां इस बात पर शाेध करेंगे कि आखिर किन परिस्थितियाें में उस स्थान पर डेंगू के अधिक मरीज मिल रहे हैं. राज्य मलेरिया कार्यालय की ओर से जिला मलेरिया पदाधिकारियाें काे हाॅट स्पाॅट वाले स्थानाें काे चिह्नित कर रिपाेर्ट मांगी गई है. पिछले साल बड़ी संख्या में डेंगू-चिकेनगुनिया के मिले मरीजाें से सबक लेने हुए इस वर्ष डेंगू से बचाव की तैयारी काफी तेज कर दी गई है. जिला से लेकर मुख्यालय तक डेंगू-चिकनगुनिया की राेकथाम के लिए कई स्तराें पर काम चल रहा है. पिछले वर्ष मुशहरी प्रखंड डेंगू मरीजाें के लिए हाॅट स्पाॅट बना था. जिले में मिले 562 मरीजाें में से सिर्फ मुशहरी प्रखंड में ही 252 लाेग डेंगू से पीड़ित हुए थे. फाॅगिंग के लिए पाेर्टेबुल मशीन मुख्यालय ने जिला काे दी है. —- प्रखंड स्तर पर होगा रैपिड रिस्पांस टीम डेंगू से बचाव के लिए जिले में पहली बार जिला और प्रखंड स्तर पर रैपिड रिस्पाॅस टीम गठित की जाएगी. यह टीम सूचना मिलने पर बचाव की त्वरित कार्रवाई करेगी. इसके अलावे हाॅट स्पाॅट काे चिह्नित कर वहां मानव बल काे नियुक्त किया जाएगा. रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड आदि संवेशनशील स्थानाें पर बाहर से आने वाले मरीजाें की रैंडम जांच भी यह टीम करेगी. — प्रखंड तक डेडिकेटेड बेड व प्लेटलेट्स की व्यवस्था राज्य मलेरिया अधिकारी डाॅ अशाेक कुमार ने डेंगू मरीजाें के लिए जिला से पीएचसी तक सभी आवश्यक उपकरणाें की उपलब्धता सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है. इसके तहत जिला में 20 और पीएचसी में पांच डेडिकेटेड बेड की व्यवस्था करने काे कहा है. इसके अलावा सभी स्थानाें पर प्लेटलेट्स व जांच किट की उपलब्धता भी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है. इसके अलावे जहां मरीज मिल रहे है, उसके 500 मीटर के दायरे में लार्विसिडाॅल नामक दवा का छिड़काव कराने काे कहा गया है.
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