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झारखंड में 43.64 लाख में से सिर्फ 7.77 लाख बच्चों का बना आधार

यह आंकड़ा शून्य से पांच साल तक के बच्चों का है. झारखंड के सिर्फ 17.82 फीसदी बच्चों का आधार कार्ड बना है. बिहार और पश्चिम बंगाल की भी कमोबेश यही स्थिति है. आधार बनाने में लोग नहीं दिखा रहे रुचि.

राजेश कुमार, रांची. बच्चों (जीरो से पांच साल तक) का आधार बनाने में लोग रुचि नहीं दिखा रहे हैं. झारखंड के साथ-साथ बिहार और पश्चिम बंगाल की भी यही स्थिति है. झारखंड में अब तक सिर्फ 17.82 प्रतिशत बच्चों का ही आधार कार्ड बना है. 30 जून 2024 तक झारखंड में शून्य से पांच साल तक के 43.64 लाख में से सिर्फ 7.77 लाख बच्चों का ही आधार कार्ड बना है. जबकि, पांच से 18 साल तक के 1.21 करोड़ लोगों में से 1.02 करोड़ (84.49 प्रतिशत) का आधार कार्ड बना है. वहीं, 18 साल से अधिक उम्र के 2.72 करोड़ लोगों ने आधार कार्ड बनाया है.

बिहार में 18.65 व बंगाल में 45.73% बच्चों का बना आधार

बिहार की बात करें, तो यहां पर 30 जून 2024 तक (जीरो से पांच साल तक) 1.53 करोड़ में से 28.61 लाख बच्चों का आधार कार्ड बना है. यह 18.65 प्रतिशत है. जबकि, पश्चिम बंगाल में 64.18 लाख में से 29.34 लाख बच्चों का आधार कार्ड बनवाया है. यह 45.73 प्रतिशत है.

जन्मतिथि में बदलाव को लेकर जल्दी नहीं बनवाते हैं आधार

जानकारों का कहना है कि जीरो से पांच साल तक के बच्चों का आधार कार्ड कम बनने के पीछे मुख्य कारण यह है कि अधिकांश लोग बच्चों की उम्र कम करना चाहते हैं. जब उन्हें स्कूल में नामांकन कराना होता है तब जन्म प्रमाण पत्र में उम्र कम करा देते हैं. इसके बाद ही आधार कार्ड बनवाते हैं. यही कारण है कि जीरो से पांच साल के बच्चों का आधार कम बन रहा है. जबकि, कुल आधार की बात करें, तो झारखंड में 3.83 करोड़, बिहार में 11.77 करोड़ और पश्चिम बंगाल में 10.25 करोड़ लोगों का आधार कार्ड बना है.

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