-एक महीने में चार राज्यों की टीमें मुजफ्फरपुर पहुंचीं, जीविका का कामकाज देखीं मुजफ्फरपुर. देश के कई राज्यों में बिहार की सतत जीविकोपार्जन योजना (एसजेवाई) लागू होगी. शराबबंदी के बाद 2018 में इसे लागू किया गया था. योजना की सफलता को देखने के लिए दूसरे राज्यों की संस्थाएं भी जिला में पहुंच रही हैं. पिछले एक महीने के दौरान जीविका के कामकाज को देखने के लिए चार राज्यों की टीम मुजफ्फरपुर का दौरा की हैं. यहां के विभिन्न प्रखंडों में जीविकोपार्जन योजना से जुड़ी दीदियों से उन्होंने बातचीत की. दीदियों के आत्मनिर्भर बनने की कहानी सुनीं और परियोजना द्वारा किस तरह की राशि व प्रशिक्षण दीदियों को दिया जा रहा है, इसकी जानकारी ली. कर्नाटक आजीविका, आइवेस दिल्ली की टीम ने विस्तार से जीविका के कार्यों को देखा. कर्नाटक टीम के राज्य परियोजना प्रबंधक लूसी बरेंस ने कहा कि वे अपने राज्य में इसी तरह के कार्यों के लिये कार्य योजना बनायेंगी. तेलंगाना से आजीविका की चार सदस्यों की टीम ने भी यहां बैग क्लस्टर, मशरूम क्लस्टर, कृषि उद्यमी, कृषि यंत्र बैंक, समर्पण एफपीसी लहठी व मधुमक्खी पालन के साथ जीविका के अन्य गतिविधियों का जायजा लिया. तेलंगाना राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के डायरेक्टर गोपाल राव ने कहा कि यहां की दीदियों से उद्यमिता का हुनर सीख कर अपने राज्य में लागू करेंगे. पिछले दिनों उत्तर प्रदेश आजीविका व नडज की टीम ने भी गायघाट व मोतीपुर प्रखंड में जीविका समूह के साथ ही ग्राम संगठन व संकुलस्तरीय संघ की बैठक कर जीविका की गतिविधियों को जाना. देखा कि कैसे जीविका से जुड़कर लगातार दीदियां आर्थिक तरक्की की राह पर अग्रसर हैं. इसकी बारीकियाें से वे अवगत हुईं. जीविका की डीपीएम अनीशा ने बताया कि विभिन्न राज्यों की टीम जीविका के कार्यों को देखने यहां पहुंच रही हैं. दूसरे राज्यों में भी दीदियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए यहां की परियोजना को वे लोग समझ रहे हैं.
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