अनामांकित व छीजित बच्चों को विद्यालय वापस लाने तथा विद्यालयों में शत प्रतिशत नामांकन सुनिश्चित करने के उद्देश्य से स्कूल रुआर 2024 के तहत बैक टू स्कूल अभियान चलेगा. झारखंड शिक्षा परियोजना निदेशक आदित्य रंजन ने मंगलवार से शुरू हो रहे अभियान को लेकर पदाधिकारियों कोई निर्देश दिये हैं. इसके तहत विद्यालय स्तर पर होने वाले 16 दिवसीय रुआर-बैक टू स्कूल अभियान के दौरान विद्यालयों में संचालित बाल संसद, माता समिति, विद्यालय प्रबंधन समिति, जल सेना व इको क्लब की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया गया है. आदित्य रंजन ने कहा कि इस अभियान की मॉनिटरिंग गूगल लिंक के माध्यम से होगी. राज्य की ओर से स्कूल रुआर-बैक टू स्कूल अभियान का लगातार अनुश्रवण होगा. पदाधिकारी यह सुनिश्चित करे कि उनके जिले में अभियान का सफलतापूर्वक ना केवल संचालन हो, बल्कि इसका अद्यतन आंकड़ा भी राज्य को प्राप्त हो. दाखिला पंजी और रिपोर्टिंग गूगल शीट दोनों को समानांतर भरना अनिवार्य है. जो बच्चे स्कूल में अनामांकित हैं, उसे विद्यालय लाने और जो नामांकित बच्चे हैं, उनकी शत प्रतिशत उपस्थिति बनाये रखना विद्यालय के साथ-साथ पदाधिकारियों की भी जिम्मेदारी है. अभियान में लापरवाही बरतने या ढिलाई बरतने वाले विद्यालयों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है.
किस दिन क्या कार्यक्रम होगा :
पोषक क्षेत्रों का भ्रमण कर अनामांकित या ड्रॉपआउट बच्चों के अभिभावकों से मिलकर बच्चे के नामांकन के लिए उन्हें प्रेरित करने का कार्यक्रम शामिल है. तीसरे दिन स्कूल टैगिंग, नामांकित व अनामांकित बच्चों की सूची तैयार करना, अनामांकित बच्चों के अभिभावकों से मिलने का कार्यक्रम है. चौथे दिन यह दायित्व हाउस कप्तान निभायेंगे. पांचवें दिन प्रोजेक्ट इम्पैक्ट के तहत विद्यालय प्रबंधन समिति के सहयोग से नो कॉस्ट व लो कॉस्ट गतिविधियों की समीक्षा की जायेगी. छठे व सांतवें दिन विद्यालय में संचालित विभिन्न समितियों के माध्यम से विद्यालय की स्वच्छता के लिए कई प्रयास किये जायेंगे. साथ ही विद्यालय प्रबंधन समितियों के माध्यम से आदर्श किचन गार्डन बनाने और पौधरोपण का कार्य संपन्न होगा. आठवें दिन विद्यालय में नव नामांकन की समीक्षा करना व विद्यालय कैंपस को ड्रग फ्री कैंपस बनाने के लिए उपायों व क्रियान्वयन पर चर्चा करना आदि कार्यक्रम शामिल है. नौवें दिन कक्षा छह से 12 के बीच की कक्षाओं में अध्ययनरत छात्राओं के बीच माहवारी स्वच्छता को लेकर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करना है. इस दौरान बाल विवाह निषेध जैसे विषयों पर भी जानकारी दी जायेगी. 10वें दिन जल प्रदूषण, जल संरक्षण व जल प्रबंधन से जुड़े विषयों को लेकर पाठ्यत्तर गतिविधियों का आयोजन, 11वें दिन दिव्यांग छात्रों के लिए पेयजल व शौचालय व्यवस्था आदि की समीक्षा, 12वें दिन ग्राम पंचायत समिति के प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर विद्यालय में बच्चों की उपस्थिति बढ़ाने पर विचार-विमर्श, 13वें दिन बच्चों के लिए बैगलेस डे, इस दिन बच्चें विभिन्न पर्यावरण सम्बंधित गतिविधियों में शामिल होंगे, 15वें दिन अनामांकित व छीजित बच्चों के नामांकन की समीक्षा करना व नव नामांकित बच्चों के स्वागत की तैयारी के कार्यक्रम को अंतिम रूप देना है. 16वें दिन नव नामांकित बच्चों का विद्यालय में स्वागत, इसमें स्थानीय जन प्रतिनिधियों, पूर्ववर्ती छात्रों, सरकारी पदाधिकारियों को आमंत्रित किया जायेगा. साथ ही विद्यालयों में स्वच्छता शपथ ली जायेगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है