J&K News: जम्मू कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियां रुकने का नाम नहीं ले रही है. घाटी से लगातार घुसपैठ की खबरें सामने आ रही है. जम्मू कश्मीर के डोडा जिले के कास्तीगढ़ इलाके आतंकवादियों और सेना के बीच मुठभेड़ जारी है. इस मुठभेड़ में सेना के दो जवानों के घायल होने की जानकारी प्राप्त हुई है. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि आतंकवादियों ने सेना के एक शिविर पर हमला करने की कोशिश की, जिसे जवानों ने खदेड़ दिया और इसके बाद हुई गोलीबारी में दो जवान घायल हो गए. सुरक्षा बलों को जानकारी मिली है कि आंतकी आसपास छिपे हुए हैं. अब इन आतंकियों को पकड़ने के लिए ऑपरेशन चलाया जा रहा है. सूत्रों के मुताबिक डोडा के जंगलों और देस्सा इलाके के मालन गांव में ये संदिग्ध आतंकी नजर आए थे. वहीं गांव के विलेज डिफेंस कमेटी और आतंकियों के बीच मुठभेड़ की खबर भी सामने आई थी. इस इलाके में सुरक्षाबलों द्वारा नियमित रूप से तलाशी अभियान चल रहा है. बता दें कि इससे पहले 15 जुलाई को डोडा में आतंकियों द्वारा किए गए हमले में 5 भारतीय जवान शहीद हो गए थे.
प्रशिक्षित आतंकियों का समूह कर रहा है घुसपैठ का प्रयास
जम्मू-कश्मीर में तैनात एक सुरक्षा अधिकारी ने हाल में हो रही आतंकवादी गतिविधियों पर बयान दिया है. जिसमे उन्होंने कहा, “यह आतंकवादियों का एक अलग समूह है, जो पिछले छह महीनों में घुसपैठ कर चुका है. हमें संदेह है कि पुंछ-राजौरी सेक्टर के आतंकवादी अभी भी उस क्षेत्र में सक्रिय हैं. नए समूह को चार-पांच छोटे समूहों में विभाजित किया गया है, जो काफी गुप्त तरीके से काम कर रहे हैं और अत्यधिक प्रशिक्षित हैं.
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आतंकियों का मुंहतोड़ जबाव दे रही है भारतीय सेना
जम्मू कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियां थमने का नाम नहीं ले रही है. पिछले दो महीनों में जम्मू संभाग में करीब एक दर्जन आतंकवादी हमले हो चुके हैं. भारतीय सेना इन गतिविधियों का मुंहतोड़ जबाव दे रही है. हालांकी ये गतिविधियां लंबे समय से भारतीय सुरक्षा बलों और खुफिया एजेंसियों के लिए चुनौती का विषय बनी हुई है. सेना के शीर्ष अधिकारियों ने इस घटनाक्रम को बहुत गंभीरता से लिया है. घाटी में लगातार हो रही आतंकवादी घटिविधियों में खुफिया एजेंसियों का कहना है कि विदेशी आतंकवादियों का एक कट्टर, भारी हथियारों से लैस प्रशिक्षित समूह जम्मू के क्षेत्र में सक्रीय है. बताया जा रहा है कि छिपे हुए आतंकवादियों में अधिकतर पाकिस्तानी हैं. ये आतंकी हिट-एंड-रन जैसी घटनाओं को अंजाम देने के मकसद से सेना पर हमला करते है और हमला करके वापस जंगल में भागकर छिप जाते है.