फोटो-7- चौसा नगर में ताजिया जूलूस निकालते ताजियेदार चौसा. मुहर्रम की दस तारीख बुधवार को हजरत मोहम्मद के नवासे इमाम हुसैन और करबला के शहीदों को बड़े ही गमगीन माहौल में अलविदा कहा गया. हजरत इमाम हुसैन और उनके 71 साथियों की शहादत को याद करते हुए घरों व विभिन्न चौकियों पर मातम मनाया गया. मुस्लिम अनुनायियों ने जंजीरों से मातम पुर्सी कर या हुसैन की सदाओं के साथ कर्बला तक चौकियों से मिट्टी निकाला. प्रखंड के विभिन्न मुस्लिम बाहुल इलाको में मुस्लिम अनुनाईयों के द्वारा मुहर्रम का पर्व मातमी माहौल में मनाया गया. इस दौरान पैगम्बर साहब के नवासों इस्लाम की रक्षा के लिए कर्बला के युद्ध में दी गई शहादत पर उनकी याद में शजदा की गई. हजरत इमाम हुसैन द्वारा अपने 72 साथियों के साथ इंसानियत की रक्षा के लिए कर्बला में दी गई शहादत की याद में मनाया जाने वाला मुस्लिमों का गम ए अश्क का पर्व मुहर्रम के दिन या अली या हुसैन की गूंज गूंजती रही. उक्त मातमी पर्व पर नगर समेत प्रखण्ड के विभिन्न क्षेत्रों में ताजिया जुलुस निकले गए. जुलूस में या अली- या हुसैन की सदाएं गूंजतीं रहीं. चौसा, नरबतपुर, बारा मोड़, सरेंजा, चुन्नी, पलियां आदि जगहों पर निकले ताजिया जुलूस में विभिन्न ताजियेदारो द्वारा विभिन्न अखाड़ों पर युवाओं द्वारा बन्ना-बनेठी इत्यादि खेलो का प्रदर्शन किया गया. ताजिया जुलूस को लेकर पुलिस-प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद रही. जगह-जगह पुलिस बल के साथ दंडाधिकारी तैनात थे. ताकि किसी प्रकार की कोई अनहोनी न हो. तत्पश्चात विभिन्न चौकियों से मिट्टी लेकर चौसा के रानी गंगा घाट पर कर्बला में दफना दिया गया.
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