हरिहरपुर क्षेत्र में बारिश न होने से किसानों को पिछले वर्ष की तरह सुखाड़ की चिंता सताने लगी है. किसान बारिश की आस लगाये हैं तथा किसी तरह धान का बिचड़ा बचाने में लगे हैं. बारिश न होने से जिन किसानों के पास सिंचाई की सुविधा नहीं है, उनके खेतों में लगे बिचड़े सूखने लगे हैं. इस क्षेत्र की लाइफ लाइन कही जाने वाली सोन नदी एवं पहाड़ी नदी कवलदाग में अभी नाम मात्र का पानी है. विदित हो कि जून माह में मॉनसून ने दस्तक दी थी. लेकिन धान की खेती लायक बारिश नहीं हुई. जुलाई के प्रथम सप्ताह में हल्की बारिश होकर फिर रुक गयी है. सिंचाई का साधन नहीं होने से किसान बारिश के इंतजार में हैं. इस स्थिति को इलाके के किसान सुखाड़ की स्थिति का संकेत बता रहे हैं. किसान नंदबिहारी सिंह, सत्यजीत मिश्रा, महेंद्र सिंह, सीताराम शर्मा व विनोद शर्मा ने बताया कि गत वर्ष की तरह इस बार भी मक्का और धान की फसल में विलंब होने लगा है. किसानों ने बताया कि अबतक धान की रोपनी शुरू हो जानी चाहिए थी. लेकिन आद्रा नक्षत्र में बारिश नहीं होने के कारण समय से बिचड़ा नहीं लगाया जा सका. इधर कई दिनों से बारिश न होने से किसान परेशान हैं. वे बारिश के लिए आकाश की ओर टकटकी लगाये हैं.
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