एएनएमएमसीएच के फेब्रिकेटेड वार्ड को किया जायेगा आरक्षित
गया. बारिश के मौसम में कई तरह की बीमारियां लोगों को अपनी चपेट में लेती हैं. इसमें सबसे अधिक पीड़ित लोग डेंगू से होते हैं. इससे निबटने को लेकर मगध मेडिकल के साथ अन्य सभी सरकारी अस्पतालों में इससे निबटने को लेकर तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है. मगध मेडिकल में 100 बेडों का फेब्रिकेटेड वार्ड ही आपदा के लिए पहले से बनाया जा चुका है. किसी तरह की बीमारी से संबंधित आपदा आने पर उसके लिए वार्ड को डेडिकेटेड कर दिया जाता है. इससे पहले कोरोना, हीट वेव, डेंगू आदि के लिए इस वार्ड को आरक्षित किया जा चुका है. अब इस वार्ड को एक बार फिर डेंगू वार्ड बनाने की तैयारी की जा रही है. अस्पताल प्रशासन की ओर से मिली जानकारी के अनुसार, डेंगू के साथ बच्चों के बीच फैलने वाले जेइ-एइएस से भी निबटने की तैयारी में विभाग जुट गया है. इसके लिए पहले से ही डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ व अन्य कर्मचारियों की तैनाती का रोस्टर बनाया जा रहा है. इसके अलावा अस्पताल में दवा की खरीद भी की जा रही है. ताकि, विषम परिस्थिति आने पर किसी को परेशान नहीं होना पड़े. पिछले वर्ष देखा जाये, तो लगभग 350 लोग डेंगू के शिकार हुए थे. इसमें दो लोगों की जान इलाज के दौरान चली गयी थी. स्वास्थ्य विभाग की ओर से शहर के पुलिस लाइन, मगध मेडिकल के असापास, विष्णुपद मंदिर व मगध कॉलोनी के अलावा फतेहपुर प्रखंड के कंबियातरी, बाराचट्टी प्रखंड के देवरी डुमरी, गुरुआ के कुछ गांवों को भी हॉट-स्पॉट के रूप में चिह्नित किया गया है.
क्या कहते हैं अधिकारी
सिविल सर्जन डॉ रंजन कुमार सिंह ने कहा कि किसी को डेंगू के शिकार होने के बाद परेशान होने नहीं दिया जायेगा. इससे निबटने की तैयारी पीएचसी, सीएचसी व जिला अस्पताल में कर लिया गया है. सभी तरह की दवा व डॉक्टर के साथ अन्य कर्मचारी भी पर्याप्त संख्या में हैं. इधर, एएनएमएमसीएच के अधीक्षक डॉ विनोद शंकर सिंह ने कहा कि अस्पताल में फेब्रिकेटेड वार्ड को डेंगू मरीजों के लिए आरक्षित किया जा रहा है. हर तरह की सुविधाएं यहां पर मरीजों के लिए उपलब्ध हैं. हर तरह की विषम परिस्थिति से निबटने के लिए संसाधन के साथ अन्य सब कुछ यहां मौजूद है.
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