हुगली. गंगा में कूदी एक वृद्धा को मगरा थाना के त्रिवेणी घाट पर मछुआरों ने बचा लिया. वृद्धा का नाम आरती घोष (78) है. वह बलागढ़ के सोमरा बाजार में रहती हैं. परिजनों के अनुसार, आरती घोष के बड़े बेटे शैलेन घोष की बेटी डालिया की असामान्य मृत्यु दो महीने पहले पोलबा के अमनान गांव (उसके ससुराल) में हो गयी थी. मां की मृत्यु के बाद डालिया अपनी दादी के पास ही पली-बढ़ी थी. आरती ने अपनी पोती को अपनी बेटी की तरह पाला था. दो साल पहले बड़े बेटे की मृत्यु के बाद आरती का एकमात्र सहारा उसकी पोती ही थी. पोती की मृत्यु के बाद वृद्धा अवसादग्रस्त हो गयी थीं, लेकिन फिर भी अपने सारे काम खुद ही करती हैं. बुधवार को आरती घोष बैंक जाने के नाम पर घर से निकलीं और सोमरा के एक टोटो (स्थानीय ऑटो रिक्शा) में बैठकर बैंक की ओर गयीं. बैंक बंद होने के कारण वह अपने मायके बहेला चली गयीं और वहां से उसी टोटो में त्रिवेणी घाट पर स्नान करने के लिए आ गयीं. टोटो चालक से उन्होंने कहा कि वह लौट जाये, वह बाद में घर जायेंगी. घाट पर कुछ समय बैठने के बाद वृद्धा ने गंगा में छलांग लगा दी. ड्यूटी पर तैनात सिविक वॉलंटियर ने यह देख शोर मचाया, जिससे नाविक सतर्क हो गये और वृद्धा को बचा लिया. बाद में बलागढ़ थाने के ओसी राजकिरण मुखोपाध्याय ने वृद्धा के घर वालों को खबर दी. एक नाती सुमन घोष रात नौ बजे त्रिवेणी घाट पहुंचा और अपनी दादी को समझा-बुझाकर घर ले गया.
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