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प्रत्येक तीन साल पर एक बार कराना होता केवाइसी

प्रत्येक तीन साल पर एक बार कराना होता केवाइसी

– केवाइसी के लिए बैंक में जाकर दस्तावेज के साथ मशीन पर लगाये अंगुठे का निशान – फोन पर किसी को केवाइसी दस्तावेज के संबंध में ना दे जानकारी मुजफ्फरपुर. बैंकों द्वारा केवाइसी (नो योर कस्टमर / अपने ग्राहक को जाने) को लेकर ग्राहकों को फोन और मैसेज के माध्यम से सूचना दी जा रही है. इसके लिए ग्राहकों को अपना केवाइसी डॉक्यूमेंट लेकर बैंक में जाना होता है. बैंक में जाने पर ग्राहक को एक पेज का केवाइसी फॉर्म भरना पड़ता है. साथ में पैन कार्ड, आधार कार्ड की फोटो कॉपी, फोटो नहीं होने पर फोटो देनी होती है. इसके बाद बायोमिट्रिक मशीन पर उनके अंगूठे का निशान लिया जाता है. प्रत्येक तीन साल पर बैंक द्वारा केवाइसी अपडेट कराया जाता है. अगर बायोमिट्रिक तरीके से केवाइसी नहीं होने पर उन्हें दोबारा जाना पड़ेगा. लेकिन अगर वह अपने अंगुठे का निशान दे देते है तो फिर उन्हें जाने की आवश्यकता नहीं पड़ती है. बैंक के साथ बीमा कंपनी, टेलीकॉम कंपनी द्वारा भी केवाइसी को लेकर ग्राहकों को ऑफिस में बुलाया जा रहा है. बैंक ऑफ इंडिया ऑफिसर्स एसोसिएशन बिहार के अध्यक्ष डॉ अच्युतानंद ने बताया कि प्रत्येक तीन साल पर केवाइसी अपडेट होता है. ग्राहक को फोन व मैसेज आने पर एक बार वह बैंक जाकर अपने दस्तावेज के साथ अंगुठे का निशान अपडेट करा दे तो उन्हें आगे परेशानी नहीं होगी. केवाइसी के संबंध में कोई जानकारी फोन व मैसेज पर ना दे, सीधे बैंक शाखा में जाकर संपर्क करे. — क्यों केवाइसी कराना होता अपडेट बैंकिंग व वित्तीय संस्थान द्वारा केवाइसी अपडेट कराने के पीछे मकसद है कि वह अपने ग्राहक की जानकारी को अपडेट रखे. कई बार बैंक खाता खोलने के बाद ग्राहक अपना पता व मोबाइल नंबर बदल लेते हैं. ऐसे में उन्हें बैंकिंग लेनदेन का मैसेज नहीं मिलता. पता बदल जाने के कारण उनके घर पर चेकबुक, एटीएम, क्रेडिट कार्ड सहित अन्य कागजात नहीं मिल पायेंगे. ऐसे में संस्थान द्वारा समय समय पर केवाइसी अपडेट किया जाता है. यह ग्राहक व संस्थान दोनों के लिए आवश्यक है और दोनों के लिए लाभदायक है. कई ग्राहकों को बैंक से लेनदेन का मैसेज नहीं जा रहा था, जब उन्होंने बैंक शाखा में जाकर शिकायत की जांच में पता चला कि खाता खोलने के समय जो मोबाइल नंबर दिया गया था वह उस समय के उनके पास है ही नहीं.

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