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Testosterone hormone: प्राकृतिक रूप से अपने टेस्टोस्टेरोन को बढ़ाने का 5 आसान तरीका

पुरुष सेक्स हार्मोन में यौन इच्छा और ऊर्जा स्तर या लिपिडो सहित मनुष्य के लिए कई महत्वपूर्ण चीजें शामिल होती हैं. 30 के बाद टेस्टोस्टेरोन का स्तर आम तौर पर हर साल 1 से 2% कम हो जाता है और 45 की उम्र में लगभग 40% पुरुष कम टेस्टोस्टेरोन स्तर का अनुभव कर रहे हैं.

Testosterone hormone: टेस्टोस्टेरोन हार्मोन हमारे दिमाग से बनता है लेकिन हमारे शरीर के हर एक ऑर्गन सिस्टम को इसकी जरूरत होती है. बाल, नाखून, लड़कों की जेनिटल बनने से लेकर उनकी भारी आवाज तक के लिए ये हॉर्मोन ही ज़िम्मेदार हैं. लड़कों के स्किन टोन, उनके स्किन पर बाल आना, मसल्स का बनना या फिर हार्ट सर्कुलेशन के लिए यही हॉर्मोन ज़िम्मेदार है.

Low Testosterone से क्या दिक्कते होती है?

  1. ऊर्जा की कमी महसूस होती है जिससे किसी काम को करने में मन नहीं लगता क्योंकि उस काम को करने के लिए ताकत ही नहीं होती.
  2. मसल्स नहीं बन पाते हैं चाहे कितना भी अच्छा डाइट हो या कितना भी जिम चलें जाए उससे कोई फर्क नहीं पड़ता. इसीलिए जिम में भी टेस्टोस्टरॉन लेवल या उनकी सप्लीमेंट को लेने की बात कही जाती है.
  3. शारीरिक व्यायाम करने में भी दिक्कत आती है क्योंकि छाती बढ़ने लगते हैं. बहुत सारे पुरुषों में यह दिक्कतें आती है कि उनकी छाती महिलाओं की तरह बड़ी दिखने लगती है.
  4. हड्डियां कमजोर होने लगती है, फ्रैक्चर होने का खतरा बना रहता है.
  5. अंडकोष (testicles) का आकार छोटा हो सकता है.

इस हार्मोन की कमी आपकी उपस्थिति, ऊर्जा स्तर और यौन विकास को प्रभावित कर सकती है. इस हार्मोन का न ज्यादा होना सही है न कम होना सही है.

प्राकृतिक तरीकों से अपना टेस्टोस्टेरोन स्तर बढ़ाएं

एवोकाडो

एवोकैडो एक टेस्टोस्टेरोन बढ़ाने वाला सुपर फ्रूट है. यह ओलिक एसिड जैसे मोनोसैचुरेटेड फैट से भरपूर होता है. यह हेल्दी फैट्स कोलेस्ट्रॉल के उत्पादन को सहयोग करता है जो कि टेस्टोस्टेरोन के लिए ज़रूरी है. इसलिए जब आप एवोकैडो खाते हैं तो आप वास्तव में अपने शरीर को इस हार्मोन का अधिक उत्पादन करने में मदद कर रहे हैं.

अश्वगंधा

अश्वगंधा एक पुराना हर्बल उपचार है जो टेस्टोस्टेरोन में मदद करने के लिए जाना जाता है. यह कोर्टिसोल को कम करके टेस्टोस्टेरोन को बढ़ा सकता है, जो की एक स्ट्रेस हार्मोन है. कम कोर्टिसोल का अर्थ है टेस्टोस्टेरोन उत्पादन के लिए अधिक संसाधन. इसलिए यह प्राकृतिक स्ट्रेस बस्टर की तरह है.

शवासन

विश्राम अभ्यास तनाव को कम करने और हार्मोनल संतुलन में सुधार करने में मदद कर सकता है. क्रोनिक स्ट्रेस कोर्टिसोल के स्तर को बढ़ा सकता है. शवासन टेस्टोस्टेरोन को बढ़ावा देने के लिए कोर्टिसोल स्तर को कम करता है. कम तनाव का मतलब है टेस्टोस्टेरोन के लिए बेहतर वातावरण.

कोल्ड शावर

ठंडा शॉवर आपके टेस्टोस्टेरोन को भी जगा सकता है. ठंडे पानी का संपर्क आपके नर्वस सिस्टम को सक्रिय कर के आपके टेस्टोस्टेरोन को बढ़ा सकता है.

सूरज की किरणें

सूर्य का प्रकाश विटामिन डी का एक प्राकृतिक स्रोत है. यह टेस्टोस्टेरोन हार्मोन के लिए बहुत ही जरूरी है. यह टेस्टोस्टेरोन सहित हार्मोन स्तर को विनियमित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. स्वस्थ एंडोक्राइन सिस्टम को बनाए रखने और टेस्टोस्टेरोन उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए पर्याप्त विटामिन डी का स्तर आवश्यक है.

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