संवाददाता, पटना भाकपा-माले के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा है कि लोकसभा चुनाव के बाद से राज्य में दलित-गरीबों-महिलाओं-अल्पसंख्यकों के साथ घटनाएं चरम पर हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इसका जवाब देना होगा. उन्होंने कहा कि 20 साल से वह बिहार की सत्ता पर काबिज है, लेकिन विकास व सुशासन उनके एजेंडे पुलों के ढहने के साथ ढहने लगे हैं. उन्होंने कहा कि वीआइपी प्रमुख मुकेश सहनी के पिता की हत्या स्तब्ध करने वाली है. सामाजिक-आर्थिक सर्वे के बाद बिहार विधानसभा के भीतर मुख्यमंत्री ने तकरीबन 95 लाख गरीब परिवारों के लिए दो-दो लाख रुपये सहायता राशि देने की घोषणा की थी. इसके लिए प्रखंडों पर 21-23 अगस्त को आंदोलन संगठित किया जायेगा. उन्होंने कहा कि 22 से 26 जुलाई तक होने वाले विधानमंडल सत्र के दौरान नीट घोटाला, बेरोजगारों से ठगी, लड़कियों का यौन शोषण कांड, रसोइया, पुल टूटने की धारावाहिक घटनाएं एवं चुनाव बाद की हिंसा आदि सवालों को प्रमुखता से उठाया जायेगा. 23 जुलाई को आइसा, 24 जुलाई बिहार राज्य विद्यालय रसोइया संघ और 25 जुलाई को खेग्रामस की ओर से विधानसभा पर प्रदर्शन की तैयारी है. किसान महासभा की ओर से 19 जुलाई को सभी प्रखंड मुख्यालयों पर खेती के लिए 24 घंटे बिजली,नहरों में पानी की मांग पर कार्यक्रम किया जायेगा.मौके पर पोलित ब्यूरो सदस्य धीरेंद्र झा,ऐपवा महासचिव मीना तिवारी,एमएलसी शशि यादव, विधायक वीरेंद्र प्रसाद गुप्ता व गोपाल रविदास भी मौजूद थे.
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