संवाददाता, पटना
सरकारी स्कूलों में कक्षा छह से 10वीं तक में पढ़ने वाले बच्चे पढ़ाई से अलग शोध परक (नवाचार) काम करते हैं, तो उनको राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित करने के साथ-साथ जापान जाने का मौका मिलेगा. विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय की ओर से इंस्पायर अवार्ड-मानक योजना के तहत शैक्षणिक सत्र 2024-25 में कक्षा छह से 10 तक के लिए चयनित किया जायेगा. बिहार शिक्षा परियोजना परिषद ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी को पत्र लिख कर निर्देशित किया है कि जिन बच्चों ने पढ़ाई से अलग से हटकर कोई शोध परक कार्य किया है, पांच-पांच बच्चों की सूची विद्यालय स्तर पर तैयार की जाये. उक्त सूची में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के इएमआइएएस पर अपलोड करेंगे. पोर्टल पर सूची अपलोड करने की अंतिम तारीख 15 सितंबर है.प्रथम चयन में ही बच्चों को मिलेंगे 10-10 हजार रुपये
प्रथम चयन में ही स्कूल स्तर प्रत्येक बच्चे को 10-10 हजार रुपये की छात्रवृत्ति प्रदान की जायेगी. इसके बाद इन बच्चों को राज्य स्तर पर होने वाले शोध परक (नवाचार) प्रतियोगिता में शामिल किया जायेगा. राज्य भर से एक सौ से अधिक बच्चों को इस प्रतियोगिता के लिए चयनित किया जायेगा. राज्य स्तर पर चयनित होने के बाद राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में शामिल होने का मौका मिलेगा. अगर बच्चे राष्ट्रीय स्तर पर चयनित होते हैं, तो उनकी आगे की पढ़ाई का खर्च भारत सरकार करेगी. विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सहयोग जापान में होने वाली राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में बच्चों को शामिल होने का मौका मिलेगा, जिसमें चयनित बच्चे अपना प्रोजेक्ट प्रस्तुत करेंगे. पढ़ाई से अलग नवाचार करने वाले बच्चों का चयन एक जुलाई से ही प्रारंभ हो चुका है. 15 सितंबर तक चयनित बच्चों की सूची पोर्टल पर अपलोड की जायेगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है