रक्सौल.नेपाल के चितवन जिला अंतर्गत सिमलताल में भूस्खलन के कारण हुए बस हादसे मामले में गुरुवार तक कुल 19 लोगों का शव त्रिशूली तथा नारायणी नदी से निकाला जा चुका है. जिसमें 14 लोगों के शव की शिनाख्त हो चुकी है और बाकी पांच शवों के शिनाख्त की कोशिश की जा रही है. चितवन के डीएम इंद्रदेव यादव ने बताया कि दाेनों बस में 65 यात्री सवार थे. जिसमें से तीन लोगों ने खुद को बचा लिया था. अभी भी, 43 यात्री लापता है. जिनकी तलाश की जा रही है. नेपाली सेना और नेपाल सशस्त्र पुलिस बल के जवानों की टीम द्वारा लापता यात्रियों और बस की तलाश पिछले एक सप्ताह से की जा रही है. बीते शुक्रवार को चितवन के सिमलताल में दो बसें भूस्खलन के कारण त्रिशूली नदी की तेज धार में बह गयी थी. जिसके बाद से लगातार बस और इसमें सवार यात्रियों की तलाश के लिए अभियान चलाया जा रहा है, लेकिन सात दिनों की कोशिश के बाद अब तक मात्र 19 शव ही मिल सके है. दोनों बस में नौ भारतीय नागरिक सहित 65 लोग सवार थे. इन सब के बीच नेपाल सरकार के गृह मंत्रालय ने नेपाली विदेश मंत्रालय के माध्यम से औपचारिक तौर पर भारत सरकार को पत्र भेजकर इस खोज अभियान में सहयोग करने की अपील की है. इधर, भूस्खलन के बाद हुए बस हादसे में मारे गये लोगों के परिजनों का धैर्य अब जवाब दे रहे हैं. शव नहीं मिलने की स्थिति में अब लोग अब अपने परिजनों को मृत मानकर कुश का शव बनाकर उनका अंतिम संस्कार कर रहे हैं. जिन मृतकों की पहचान की गयी है उनमें बैरगनिया जमुआ के ऋषिलाल साह, चितवन माड़ी के विकास परियार, सलार्ही नेपाल के रमित कुशहर मांझी, मझौलिया के जयप्रकाश ठाकुर, बेतिया के सज्जाद अंसारी, चितवन के सुदीप बिक, बारा के परमानंद पंडित, चंद्रनिगाहपूर किशोर कुमार चौधरी, रौतहट के अशोक कुमार यादव, ऋषि कुमार सिंह, भारत के विवेक कुमार, सलार्ही के जितेन्द्र राम महरा, पर्सा जिला की चंद्रप्रभा कुमारी, रौतहट जिला की अमृता कुमारी के शव की शिनाख्त हो सकी है. पांच अन्य पुरूषों का शव चितवन पुलिस की अभिरक्षा में जिसकी पहचान नहीं हो सकी है.
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