लखीसराय. शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 एवं बिहार राज्य बच्चों की मुफ्त एवं अनिवार्य शिक्षा नियमावली के तहत प्रस्वीकृत निजी विद्यालय में नामांकन के लिए अभिभावक को 22 जुलाई से आवेदन करने का एक और मौका दिया जा रहा है. मालूम हो कि पूर्व में 26 जून से बढ़ाकर एक जुलाई तक आवेदन के लिए समय दिया गया था. तत्पश्चात 132 प्राइवेट स्कूल में नामांकन को लेकर मात्र 362 बच्चों के बीच विद्यालय का आवंटन भी किया जा चुका है. निजी विद्यालयों को भेजे गये कागजातों का बीइओ द्वारा वेरिफिकेशन के उपरांत नामांकन लिया जायेगा. इस तरह जिले के अधिकांश निजी विद्यालयों द्वारा नामांकन में रूचि नहीं लेने के कारण जिले में महज 362 बच्चों का ही नामांकन के लिए विद्यालय के पास आवेदन फॉरवर्ड किया गया है. जबकि जिले में प्रस्वीकृति प्राप्त निजी विद्यालयों की संख्या 160 है. मालूम हो कि निजी विद्यालय में पहली कक्षा में कुल उपलब्ध सीट का 25 फीसदी नामांकन उक्त कानून के तहत निजी स्कूलों को लेना है. समग्र शिक्षा के डीपीओ दीप्ति ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि शुक्रवार को बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के निदेशक कार्तिकेय धनजी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक के दौरान यह जानकारी उपलब्ध कराया है. इस योजना के तहत अभिभावक ज्ञानदीप पोर्टल के माध्यम से पहली कक्षा में अपने घर के पास वाले निजी स्कूलों में नामांकन के लिए एक बार फिर 22 जुलाई से आवेदन कर सकेंगे. निजी विद्यालयों को पूर्व से ही शिक्षा का अधिकार कानून के तहत अलाभकारी और कमजोर वर्ग के कम से कम 10 छात्र-छात्राओं का नामांकन लेने का निर्देश दिया गया है. राज्य मुख्यालय द्वारा भी इसे गंभीरता से लिया गया है. यही कारण है कि 22 जुलाई से पुनः ऑनलाइन आवेदन लेने को लेकर पोर्टल उपलब्ध हो जायेगा. इस योजना के तहत सामान्य वर्ग के दो लाख से कम आय वाले अभिभावक करा सकेंगे. नामांकन आयु एक अप्रैल 2024 तक छह वर्ष से अधिक होने की अनिवार्यता की गयी है. अलाभकारी समूह के (आरक्षित वर्ग के) वैसे अभिभावक इस योजना में अपने बच्चों का नामांकन करा सकेंगे जिनकी वार्षिक आय एक लाख रुपये से कम हो, जबकि सामान्य कमजोर वर्ग के वैसे अभिभावक इस योजना के तहत अपने बच्चे का नामांकन करा सकेंगे जिनकी वार्षिक आय दो लाख रुपये से कम हो. प्रथम चयन में आवंटित विद्यालय को लेकर भी कुछ अभिभावकों से अधिक दूरी के विद्यालय आवंटन की शिकायत मिल रही है. इसके लिए छह किलोमीटर की दूरी तक के विद्यालय को प्राथमिकता दिया जाना है. असंतुष्ट अभिभावक भी विद्यालय एवं प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी के पास अधिक दूरी को लेकर अपनी असमर्थता व्यक्त करते हुए आवेदन देकर नये सिरे से 22 जुलाई से होने वाले ऑनलाइन पोर्टल पर आवेदन की प्रक्रिया में भाग ले सकेंगे.
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