Investor Meet: भागलपुर जिला उद्योग केंद्र की ओर से शुक्रवार को सर्किट हाउस सभागार में इंवेस्टर्स मीट का आयोजन किया गया. साथ ही निवेशकों को बियाडा में प्लग एंड प्ले समेत तीन यूनिटों को विजिट कराया गया. इसमें चेन्नई, कोलकाता, तेलंगाना, बेंगलुरु, झारखंड के निवेशक शामिल हुए और कहा कि यहां के बुनकरों की कारीगरी व व्यवस्था देखकर आत्मविश्वास बढ़ गया. अब हमलोग भागलपुरी सिल्क में निवेश करने के लिए तैयार हैं.
डीएम ने की इन्वेस्टर मीट की अध्यक्षता
वहीं, इंवेस्टर्स मीट की अध्यक्षता करते हुए जिलाधिकारी डाॅ नवल किशोर चौधरी ने कहा कि भागलपुर को वर्षों से सिल्क सिटी के रूप में जाना जाता रहा है, इसके गौरव को फिर से स्थापित करने की आवश्यकता है. इसके लिए यहां बुनकर क्लस्टरों को फिर से सहायता देकर सक्रिय करना होगा. उन्होंने निवेशकों से कहा कि वे चाहेंगे कि आप बार-बार भागलपुर आएं.
रेशम अंडी प्रोजेक्ट चालू होगा
जिलाधिकारी ने बुनकरों को बताया कि जल्द ही यहां रेशम अंडी प्रोजेक्ट चालू होगा. सेंट्रल सिल्क बोर्ड की ओर से स्वीकृति मिल चुकी है. वहीं, डीडीसी अनुराग कुमार व जिला उद्योग केंद्र की महाप्रबंधक खुशबू कुमारी ने भागलपुर के सिल्क व उनकी विशेषताओं से निवेशकों को अवगत कराया. इंवेस्टर्स को आश्वासन दिया कि वे यहां इंवेस्ट करें, उन्हें सुविधाएं उपलब्ध करायी जायेंगी. डीडीसी ने कहा कि यहां तसर पर विशेष काम होगा. तसर सिल्क का ऑनलाइन बाजार भी बड़ा हो रहा है.
विभिन्न शहरों से पहुंचे थे नामचीन निवेशक, समस्या और समाधान से कराया अवगत
सीआइआइ के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर सैकत राय चौधरी, सीआइआइ के प्रोडक्शन हेड सुभाष सप्रू, सीआइआइ के निदेशक सामिक समियुद्दीन व पांच रेशम निर्यातक कंपनी के प्रतिनिधि चेन्नई सिल्क के शिवा रमन, आरएमकेवी सिल्क प्रोडक्शन टेक्सटाइल के श्रीनिवास नूरानी, तनेरा सिल्क के प्रतिनिधि संजय डे, नीरज सिल्क के प्रतिनिधि नितिन सिंघानिया भागलपुर पहुंचे थे. सैकत राय चौधरी ने कहा कि भागलपुर के रेशम वस्त्र उद्योग क्षेत्र में क्या-क्या किया जा सकता है, उन सभी संभावनाओं के ऊपर कार्य किया जायेगा. भारत रेशम उत्पादन में विश्व में नंबर दो पर है. इसे नंबर एक पर किस तरह लाया जाये, इस पर काम किया जायेगा.
स्थानीय रेशम वस्त्र आपूर्तिकर्ताओं ने भी की सुविधा बढ़ाने की मांग
इंवेस्टर्स मीट में स्थानीय रेशम वस्त्र आपूर्तिकर्ताओं ने भी अपना विचार रखते हुए बुनकरों की समस्याओं से अवगत कराया. उन्होंने बताया कि यहां बुनकरों की प्रमुख समस्या कपड़े की डाइंग करना है. उच्च गुणवत्ता की डाई के लिए स्विट्जरलैंड से सामग्री मंगानी पड़ती है. फिनिशिंग की भी गुणवत्ता बढ़ाने की जरूरत है. बुनकर की संख्या घटती जा रही है, उन्हें वित्तीय सहायता की जरूरत है. सरकार की ओर से भी रेशम वस्त्र की आपूर्ति का ऑर्डर मिलना चाहिए. धागे की कीमत पर नियंत्रण हो. व्यवसायियों ने निर्यातक कंपनी को हर संभव सहयोग प्रदान देने का आश्वासन दिया. इस मौके पर इस्टर्न बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष गोविंद अग्रवाल भी उपस्थित थे.
बियाडा में सुविधाएं उपयुक्त, लेकिन पारंपरिक चीजों को आधुनिक करने की है जरूरत
बियाडा के विजिट के दौरान इंवेस्टर्स को सलमा सिल्क समिति के शुभन व मुंतकिम अंसारी ने टेक्सटाइल डिजाइन से अवगत कराया. वहीं, सैकत राय चौधरी ने कहा कि बियाडा में सुविधाएं उपयुक्त हैं, लेकिन पारंपरिक चीजों को आधुनिक डिजाइन में बदलने की जरूरत है. बिहार में बदलाव हुआ है. बेंगलुरु के निवेशक श्रीनिवास नूरानी ने बताया कि वो भागलपुर के सिल्क कारोबारी के साथ ट्रेडिंग बढ़ायेंगे.
भागलपुरी सिल्क से डिजाइनर साड़ी तैयार की जायेगी
तमिलनाडू में कांजीवरम साड़ी की तरह भागलपुरी सिल्क से डिजाइनर साड़ी तैयार की जायेगी. तसर सिल्क में वैल्यू एड करने की जरूरत है. वहीं, जिला उद्याेग केंद्र की जीएम खुशबू कुमारी ने बताया कि भ्रमण के बाद सलमा सिल्क को तनेरा सिल्क की ओर से प्रोजेक्ट मिला. वहीं, आरएमकेबी कंपनी ने भी यहां के आपूर्तिकर्ता को नये प्रोजेक्ट देने का आश्वासन दिया.