Major tribes of India: अगर हम भारत की बात करें तो यह देश अपने भीतर संस्कृति, विरासत, इतिहास और प्राकृतिक सुंदरता समेटे हुए है जो इसे दुनिया में खास बनाती है और इसीलिए भारत को विविधताओं से भरा देश कहा जाता है. इस देश में कई जातीय समूह और संस्कृतियाँ निवास करती हैं, जिसे ‘आदिवासी’ भी कहा जाता है. ये आदिवासी समुदाय देश के सामाजिक ताने-बाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. इन्हीं समुदाय से भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत में महत्वपूर्ण योगदान है. आज इस लेख में हम भारत की कुछ प्रमुख जनजातियों के बारे में उनके वितरण, सांस्कृतिक महत्व और उनके सामने आने वाले चुनौतिओं के बारे में बताएंगे.
Major tribes of India: भारत में जनजातियों के बारे में
भारतीय संविधान के अनुसार आदिवासी जनजातियों को ‘अनुसूची 5’ में ‘अनुसूचित जनजाति’ (एसटी) के रूप में शामिल किया गया है. भारत में जनजातियों की बात करें तो देश के विभिन्न राज्यों में लगभग 645 अलग-अलग जनजातियां हैं. आदिवासियों में अनुसूचित जनजाति की आबादी लगभग 10.43 करोड़ है, जो 2011 में इस देश की कुल आबादी का 8.6% है. ये सभी आदिवासी समुदाय ज्यादातर मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, राजस्थान, गुजरात, झारखंड, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल और कर्नाटक जैसे राज्यों में हैं. जो कुल मिलाकर ‘अनुसूचित जनजाति’ (एसटी) आबादी का 83.2% हिस्सा बनाते हैं.
Major tribes of India: भारत में राज्यवार की प्रमुख जनजातियां
पूरे देश के राज्यों में कई जनजातियों के आदिवासी समुदाय के लोग रहते हैं. यहां हम भारत की कुछ प्रमुख जनजातियों के बारे में (राज्यवार) बता रहे हैं, तो चलिए जानते हैं:
आंध्र प्रदेश की प्रमुख जनजातियां
अंधस, साधु अंधस, भगत, भील, चेंचा (चेंचावार), गदाबा, गोंड, गुंडू, जटापुस, कम्मारा, कट्टुनायकन, कोलावर, कोलम, कोंडा, मन्ना धोरा, परधानास, इत्यादि.
असम की प्रमुख जनजातियां
चकमा, चुटिया, दिमासा, हाजोंग, गारो, खासी, गंगटे, कार्बी, बोरो, बोरोकाचारी, इत्यादि.
अरुणाचल प्रदेश की प्रमुख जनजातियां
अपटानिस, अबोर, डफला, गैलोंग, मोम्बा, शेरडुकपेन, सिंगफो, न्यिशी, इत्यादि.
बिहार की प्रमुख जनजातियां
असुर, बैगा, बिरहोर, बिरजिया, चेरो, गोंड, परहैया, संथाल, सावर, खरवार, बंजारा, इत्यादि.
झारखण्ड की प्रमुख जनजातियां
बिरहोर, भूमिज, गोंड, खरिया, मुंडा, संथाल, इत्यादि.
छत्तीसगढ़ की प्रमुख जनजातियां
अगरिया, भैना, भट्टरा, बियार, खोंड, मवासी, नागासिया, गोंड, बिंझवार, हल्बा, इत्यादि.
मध्यप्रदेश की प्रमुख जनजातियां
बैगा, भील, भारिया, बिरहोर, गोंड, कटकारी, खरिया, खोंड, कोल, इत्यादि.
गुजरात की प्रमुख जनजातियां
बरदा, बामचा, भील, चारण, धोडिया, गमता, पारधी, पटेलिया, धनका, दुबला, तलाविया, इत्यादि.
नागालैंड की प्रमुख जनजातियां
अंगामी, गारो, कचारी, कुकी, मिकिर, नागास, सेमा, एओ, चाखेसांग, कोन्याक, इत्यादि.
मणिपुर की प्रमुख जनजातियां
नागा, कुकी, मैतेई, ऐमोल, अंगामी, चिरू, मारम, मोनसांग, पाइते, पुरुम, थाडौ, इत्यादि.
मिजोरम की प्रमुख जनजातियां
चकमा, दिमासा, खासी, कुकी, लाखेर, पावी, रबा, इत्यादि.
मेघालय की प्रमुख जनजातियां
चकमा, गारोस, हाजोंग, जैंतियास खासीस, लाखेर, पवई, इत्यादि.
भारत में जनजातियों का सांस्कृतिक महत्व और उनकी चुनौतियां क्या हैं
भारत अपनी विविधता के लिए जाना जाता है और इसका कारण इस देश में बसे वे समुदाय हैं जो पिछले कई दशकों से अपनी सांस्कृतिक विरासत को संजोए हुए हैं. यह विरासत और संस्कृति भारत की जनजातियों की भी है जिनकी अपनी अलग सांस्कृतिक पहचान, बोलियां और रीति-रिवाज हैं.
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लेकिन आज के समय में इन समुदायों को अक्सर सामाजिक-आर्थिक कमजोरी, स्वास्थ्य देखभाल और शिक्षा तक पहुँच की कमी और उनके लाभों और क्षेत्र पर खतरे जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. इन सभी समूहों के लिए जनजातीय मामलों के मंत्रालयों की स्थापना की गई है, ताकि इन समस्याओं को दूर किया जा सके और आदिवासी समुदायों के सामाजिक-आर्थिक विकास पर ध्यान दिया जा सके, लेकिन वर्तमान में समुदाय को हर दिन किसी न किसी समस्या का सामना करना पड़ता है.
Major tribes of India: इन सभी आदिवासी जनजातिओं की पहचान को चिन्हित करना और संरक्षित करना भारत की विविधता को बनाए रखने और सभी समुदायों के लिए समान विकास सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है। उम्मीद है इस लेख के माध्यम कुछ राज्यों के आदिवासी जनजातिओं के बारे में आप जान पाए होंगे जिससे की आगामी प्रतियोगी परीक्षा jssc cgl 2024 में मदद मिल सके.
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