जहानाबाद नगर.
शिष्या को बहला-फुसला कर अपहरण करने के बाद दुष्कर्म करने के दोषी शिक्षक निर्मल कुमार के सजा के बिंदु पर खचाखच भरे न्यायालय में शुक्रवार को बचाव पक्ष एवं अभियोजन पक्ष के अधिवक्ताओं की दलील सुनने के बाद पॉक्सो न्यायालय के विशेष न्यायाधीश रश्मि ने निर्मल कुमार को दुष्कर्म करने के मामले में सात साल का कठोर कारावास और 2000 रुपये अर्थदंड भुगतान करने का फैसला सुनाया. इतना ही नहीं, अर्थदंड की राशि का भुगतान नहीं करने पर छह महीने का अतिरिक्त साधारण कारावास भुगतना होगा. साथ ही न्यायालय ने अपहरण के मामले में निर्मल कुमार को 3 साल का कठोर कारावास और 1000 रुपये अर्थदंड भुगतान करने का फैसला सुनाया. अर्थदंड की राशि का भुगतान नहीं करने पर तीन माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा. उपरोक्त आशय की जानकारी पॉक्सो के विशेष लोक अभियोजक मुकेश नंदन वर्मा ने दी है. उन्होंने बताया कि इस मामले में पीड़िता के पिता ने वंशी थाने में निर्मल कुमार को नामजद कर प्राथमिकी दर्ज कराया था. दर्ज प्राथमिकी में सूचक ने आरोप लगाया था कि उसकी नाबालिग लड़की 5 फरवरी 2015 को 12 बजे दिन में अपनी बहन के साथ कपड़ा सिलाने घर से बाजार गयी थी लेकिन वापस लौटकर नहीं आयी. खोजबीन किया तो पता चला कि निर्मल कुमार पिता रामजीवन दास मखमिलपुर का रहने वाला है, वह उसे अपहरण कर ले गया है. सूचक ने यह भी आरोप लगाया था कि निर्मल कोचिंग चलाता था जहां मेरी लड़की पढ़ने जाती थी. घटना के 13 दिन के बाद पुलिस ने पीड़िता को बरामद किया था. पीड़िता ने न्यायालय के समक्ष दिये गये बयान में बतलाया था कि घटना के दिन निर्मल मुझे सूट सिलाने के बहाने हरियाणा के रोहतक में ले जाकर रखा और जहां वह मुझसे जबरदस्ती दुष्कर्म किया. इस मामले में अभियोजन की ओर से सूचक चिकित्सक एवं अनुसंधानकर्ता समेत सात लोगों की गवाही न्यायालय में करायी गयी थी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है