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UP News: कौन है उदयभान करवरिया, जिसकी समय से पहले रिहाई के राज्यपाल ने दिए हैं निर्देश

UP News: प्रयागराज की नैनी जेल में हत्या के आरोप में आजीवन कारावास की सजा काट रहा बीजेपी का पूर्व विधायक उदयभान करवरिया समय से पहले रिहा होगा. उसे सपा विधायक जवाहर यादव की हत्या के मामले सजा सुनाई गई थी.

लखनऊ: पूर्व विधायक उदयभान करवरिया समय से पहले रिहा होगा. वो सपा विधायक जवाहर पंडित उर्फ़ जवाहर यादव की हत्या के मामले में नैनी जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है. प्रयागराज के डीएम व पुलिस कमिश्नर ने जेल में अच्छा आचरण होने के कारण उदयभान करवारिया की समय से पहले रिहाई की संस्तुति की थी. राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की मंजूरी के बाद उत्तर प्रदेश शासन ने उदयभान करवरिया की समय से पूर्व रिहाई के आदेश शुक्रवार को जारी किए हैं.

मुकदमे वापस लेने के प्रयास को हाईकोर्ट ने किया था खारिज

कारागार प्रशासन एवं सुधार सेवाएं विभाग ने पूर्व विधायक उदयभान करवरिया को रिहा करने के आदेश जारी किए हैं. आदेश में लिखा गया है कि डीएम-कमिश्नर प्रयागराज के समक्ष दो जमानत ओर उतनी ही राशि का एक निजी मुचलका प्रस्तुत करने पर बंदी को कारागार से मुक्त किया जाएगा. रिहाई से पहले ये भी देखा जाएगा कि किसी और मुकदमें में उदयभान वांछित तो नहीं हैं. उन्हें 2019 में 25 साल चले मुकदमे के बाद प्रयागराज कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. पहले भी करवरिया के खिलाफ दर्ज मुकदमों का वापस लेने का प्रयास हुआ था, लेकिन हाईकोर्ट ने उसे खारिज कर दिया था.

ये था मामला

13 अगस्त 1996 को सपा के पूर्व विधायक जवाहर यादव उर्फ जवाहर पंडित को सिविल लाइंस में दिनदहाड़े एके-47 से गोलियां बरसाकर मार दिया गया था. इलाहाबाद (अब प्रयागराज) में एके-47 से ये पहली हत्या थी. इसमें कपिलमुनि करवरिया और उदयभान करवरिया, सूरजभान करवरिया, रामचंद्र नामजद किए गए थे. 4 नवंबर 2014 को कोर्ट ने तीनों भाइयों कपिलमुनि करवरिया और उदयभान करवरिया, सूरजभान करवरिया को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. करवरिया बंधुओं और जवाहर यादव के बीच बालू खनन के ठेकों को लेकर झगड़ा शुरू हुआ था. इसके बाद उनकी हत्याकर दी गई थी.

2002 और 2007 में रहा है विधायक

करवरिया परिवार जवाहर यादव की हत्या के बाद राजनीति में सक्रिय हो गया था. कपिलमुनि बसपा से सांसद रहे हैं. उदयभान करवरिया 2002 और 2007 में बारा विधानसभा से बीजेपी से विधायक रहे हैं. बारा विधानसभा 2012 में सुरक्षित सीट हो गई थी. इसलिए उन्हें प्रयागराज की शहर उत्तरी सीट से उम्मीदवार बनाया गया था. यहां उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. 2012 में सपा की सरकार बनी और राजनीतिक परिस्थितियां विपरीत हुई तो जनवरी 2014 में उदयभान करवरिया ने सरेंडर कर दिया था. इसके बाद कपिलमुनि और सूरजभान भी जेल चले गए. इस पर बीजेपी ने उदयभान की पत्नी नीलम को मेजा सीट से टिकट दिया था. वहां पहली बार बीजेपी ने जीत हासिल की थी.

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