Bihar News: शिक्षा विभाग ने पटना के जिला शिक्षा कार्यालय में शिक्षकों के बकाये वेतन व मातृत्व अवकाश से जुड़ीं संचिकाएं लंबित रखने और अधीनस्थ कर्मियों के तबादले के बाद भी संचिका वापस नहीं करने के मामले में पटना के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी अरुण कुमार मिश्रा को निलंबित कर दिया है. इसके साथ ही जिला शिक्षा पदाधिकारी संजय कुमार सिंह को शो काउज किया है. दोनों अधिकारियों पर घोर अनियमितता और काम के प्रति लापरवाही के आरोप हैं.
शिक्षा विभाग द्वारा जारी आदेश में कहा गया कि जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना अरविंद कुमार मिश्रा की भूमिका संदेहास्पद रही है. उनके द्वारा काम में घोर शिथिलता बरती गयी है. मिश्रा ने कार्यों के त्वरित निबटारे के लिए समय-समय पर माॅनीटरिंग नहीं की. माॅनीटरिंग में लापरवाही और अपने नीचे के कर्मियों के कामकाज के पर्यवेक्षण में चूक के लिए डीइओ पर भी कार्रवाई होगी. इसके पहले उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है.
क्लर्क पर भी लापरवाही का आरोप
इसी मामले में नियमों की अनदेखी करने और काम में लापरवाही बरतने की वजह से डीइओ कार्यालय में कार्यरत लिपिक गोपाल कुमार, दिलीप कुमार और सुनील कुमार को निलंबित किया गया है. वहीं, करुण कुमार सिन्हा और आलोक वर्मा से पांच दिनों के अंदर स्पष्टीकरण का जवाब देने का निर्देश दिया गया है. विभाग द्वारा जारी दूसरे आदेश में डीइओ कार्यालय में ही कार्यरत लिपिक कुमार अखिलेश को भी एक मामले में दोषी पाया गया है.
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ACS डाॅ एस सिद्धार्थ को मिली थी शिकायत
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डाॅ एस सिद्धार्थ को पटना के जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय में तैनात पदाधिकारियों, कर्मियों के द्वारा अनियमितता बरते जाने के संबंध में शिकायत मिली थी. इसके बाद 15 जुलाई को वहां विभाग के विशेष सचिव द्वारा निरीक्षण किया गया. निरीक्षण में पाया गया कि अनियमितता के लिए जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, स्थापना, अरुण कुमार मिश्रा की भूमिका सही नहीं है.