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लचर कानून व्यवस्था के खिलाफ इंडिया गठबंधन ने निकाला प्रतिरोध मार्च

कलेक्ट्रेट गेट तक पहुंच कर की जमकर नारेबाजी

स्टेडियम से जुलूस की शक्ल में कलेक्ट्रेट गेट तक पहुंच कर की जमकर नारेबाजी

राज्य सरकार पर लगाया अपराध की घटनाओं को रोकने में असमर्थ होने का आरोप

डीएम को सौंपा ज्ञापन, कहा- एनडीए सरकार में असुरक्षित है बिहार का आम अवाम

पूर्णिया. बिहार में बढ़ते अपराध एवं गिरते कानून व्यवस्था की घटनाओं के खिलाफ इंडिया गठबंधन के बैनर तले शनिवार को प्रतिरोध मार्च निकाला गया. इसमें इंडिया गठबंधन के सभी घटक दलों के नेता और कार्यकर्ताओं ने भागीदारी निभायी. प्रतिरोध मार्च के दौरान इंडिया गठबंधन के नेताओं ने लचर कानून व्यवस्था के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. नेताओं ने कहा कि सरकार की ढुलमूल नीतियों के कारण सूबे मे़ अपराध का ग्राफ लगातार बढ़ रहा है. अपराधियों पर नकेल कसने में सरकार की कानून व्यवस्था नकारा साबित हो रही है जिससे आम जनता भय के माहौल में जीने को विवश है क्योंकि समाज का कोई भी वर्ग इस शासन-प्रशासन में खुद को सुरक्षित नहीं समझ रहा है. इंडिया गठबंधन की पूर्व घोषणा के आलोक में शनिवार को दोपहर से पहले राजद, कांग्रेस, माकपा, भाकपा, वीआईपी समेत सभी घटक दलों के नेता और कार्यकर्ता रंगभूमि मैदान स्थित इंदिरा गांधी स्टेडियम के समीप जुटे. दोपहर 12 बजे के करीब यहां से सभी जुलूस की शक्ल में कलेक्ट्रेट के लिए निकले. गिरिजा चौक, जेल चौक और टैक्सी स्टैंड चौक होते हुए सभी आरएनसाव चौक पहुंचे. जुलूस में सभी बिहार सरकार के खिलाफ नारे लगाते हुए चल रहे थे. आरएनसाव चौक से चलकर प्रतिरोध मार्च कलेक्ट्रेट गेट पर पहुंचा जहां जमकर नारेबाजी की गई. यहां से चलकर गठबंधन नेताओं के एक शिष्टमंडल ने पूर्णिया के जिलाधिकारी से मुलाकात की और उन्हें राज्यपाल को सम्बोधित ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन में कहा गया है कि बिहार में इन दिनों जिस तरह से अपराध की घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा है, उसे वर्तमान एनडीए सरकार रोकने में पूरी तरह असमर्थ साबित हुई है. सत्ता के संरक्षण में अपराध फल-फूल रहा है. राज्य में बढ़ रहे अपराधिक घटनाओं के कारण नागरिक दहशत में है. बिहार की एनडीए सरकार को मूकदर्शक बताते हुए महागठबंधन के नेताओं ने इन घटनाओं के लिए एनडीए सरकार की संवेदनहीनता बतायी और इसकी तीखी निंदा की. नेताओं ने राज्यपाल से राज्य की दयनीय विधि व्यवस्था को संज्ञान में लेने का अनुरोध करते हुए अपराधिक घटनाओं पर अंकुश लगाने की मांग की.

घर के अंदर सुरक्षित नहीं हैं लोग

डीएम को दिए ज्ञापन में इंडिया गठबंधन के नेताओं ने कहा है कि अब तो घर के अंदर भी लोग सुरक्षित नहीं हैं. नाबालिग बच्चियां भी घर से निकलने में अपने को भयभीत महसूस करती है. वीआईपी अध्यक्ष मुकेश सहनी के पिता की निर्मम हत्या का प्रसंग हो या बिहटा में एक मोटर साइकिल चालक द्वारा कार चालक को मामूली गलती के लिए मार देने का मामला हो या मुजफ्फरपुर के डीवीआर कम्पनी में हुई युवतियों के साथ यौन शोषण की घटना. सम्पूर्ण बिहार इस तरह की घटनाओं से डर के माहौल में जीने को मजबूर है. कहा गया है कि बिहार में दिन-दहाडे फिरौती और हत्या की घटनाएं लगातार बढ़ रही है. दलित, आदिवासी, अतिपिछड़ा और पिछड़े समाज की महिलाएं, बलात्कार, दमन और घुटन में जीने को अभिशप्त हैं. पूरा शासन–प्रशासन ध्वस्त हो चुका है. प्रतिरोध मार्च में राजद जिलाध्यक्ष मिथिलेश दास, पूर्व विधायक दिलीप यादव, राजद के वरिष्ठ नेता रूस्तम खान, जिला प्रवक्ता सुनील सन्नी, उपाध्यक्ष अजय कुमार मांझी, रामप्रवेश पोद्दार, आलोक यादव, डॉ. आलोक राज, राजू मंडल, इम्तियाज आलम, शांतनू घोष, मो. मोहसीन, जितेंद्र उरांव, सुनील कुमार साह, भाकपा माले के इस्लामुद्दीन, माकपा के राजीव सिंह, सीपीएम नेता विकास मंडल, अंकुर यादव, कांग्रेस के रंजन सिंह, गौतम वर्मा, आश नारायण चौधरी, जवाहर किशोर यादव, एजाज अहमद, मनीष कुमार, जयवर्धन सिंह, निरंजन यादव, रविंद्र सिंह, अखिलेश कुमार, करण यादव, नीरज कुमार निराला, श्याम प्रसाद सिंह, संजीव कुमार, अंकित यादव, निखिल छोटू सिंह, बबलू गुप्ता, निशांत वर्मा, कैलाश कुशवाहा आदि समेत प्रखंड व पंचायत से जुटे पार्टी के पदाधिकारी मौजूद थे.

बिहार में राष्ट्रपति शासन लागू हो : कांग्रेस

पूर्णिया. बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अखिलेश्वर प्रसाद सिंह के निर्देश पर पूर्णिया जिला कांग्रेस कमेटी द्वारा महागठबंधन के सभी घटक दलों के साथ इंदिरा गांधी स्टेडियम से लेकर आर एन साह चौक तक प्रतिरोध मार्च निकाला गया. कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने इस दौरान नारा लगाते हुए बढ़ते अपराध के लिए राज्य सरकार को जवाबदेह बताया और इसके लिए मुख्यमंत्री से इस्तीफा की मांग की. प्रतिरोध मार्च के दौरान कांग्रेस नेताओं ने सुशासन और जीरो टॉलरेंस वाले गद्दी छोड़ो जैसे नारे भी लगाए. जिला कांग्रेस अध्यक्ष नीरज सिंह उर्फ छोटू सिंह, वरिष्ठ नेता रंजन सिंह, आस नारायण चौधरी मोहम्मद अलीमुद्दीन गौतम वर्मा,जवाहर किशोर, अखिलेश कुमार, मोहन झा, अफरोज खान, रविंद्र सिंह, नीरज यादव, संजीव यादव, बिजेंद्र यादव, मोहम्मद साहिल, शबाब अनवर, मोहम्मद सद्दाम, श्याम नंदन आदि ने बिहार सरकार को कटघरे में लाकर अपनी आवाज बुलंद की और कहा कि नीतीश कुमार जी से बिहार अब संभल नहीं रहा है. बढ़ते अपराध की चर्चा करते हुए कांग्रेस नेताओं ने बिहार में राष्ट्रपति शासन लागू किए जाने की मांग की.

फोटो-20 पूर्णिया 2-प्रतिरोध मार्च में शामिल महागठबंधन के नेता

3- प्रतिरोध मार्च में शामिल पूर्व विधायक एवं अन्य

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