भारत सरकार के वस्त्र मंत्रालय के सौजन्य से राष्ट्रीय हस्तकरघा विकास कार्यक्रम-एनएचडीपी के तहत शेखपुरा क्लस्टर विकास योजना-सीडीपी की ओर से शुक्रवार को रेशम भवन, जीरो माइल में पांच दिवसीय मेला प्रदर्शनी शुरू हुआ. इसमें बुनकर स्टॉल तैयार करने के इंतजार में बैठे रहे और दूसरे जिलों से आये उद्यमियों व विक्रेताओं को स्टॉल मुहैया करा दिया गया. प्रचार के अभाव में दूसरे दिन शनिवार को भी दिनभर उद्यमी अपने स्टॉल पर ग्राहकों का इंतजार करते रहे. दिनभर एक भी ग्राहक नहीं पहुंचे. पांच दिनों के मेला में दो दिन स्टॉल सजाने और ग्राहकों के इंतजार में बीत गया. स्थानीय उद्यमियों में रोष व्याप्त रहा कि वे लोग क्लस्टर योजना के लाभार्थी हैं और बाहर के उद्यमियों को स्टॉल दे दिया गया. अब तीन दिन में क्या अपने उत्पाद की बिक्री करेंगे और प्रदर्शित कर सकेंगे. मालूम नहीं यहां मेला का समय बढ़ाया जायेगा या नहीं.
स्टॉल बनने के इंतजार में बीत गया समय
हुसैनाबाद क्लस्टर से जुड़े मो वली अहमद ने बताया कि उन्हें 10 नंबर स्टॉल पर अपना सामान सजा देने के बाद भी हटा दिया गया. उन्हें पहले ही अलॉट किया गया था. अब दूसरे दिन भी स्टॉल तैयार करने का इंतजार करना पड़ा. वहीं, आदमपुर की अर्चना देवी ने बताया कि दिनभर स्टॉल सजाने का इंतजार करना पड़ा. सिल्क उद्यमी इरफान ने बताया कि आठ उद्यमियों को दूसरे दिन स्टॉल तैयार होने का इंतजार करना पड़ा. यहां नालंदा, पटना, मोतिहारी आदि के उद्यमियों को स्टॉल बना कर दे दिया गया. जबकि वे लोग बुनकर नहीं हैं या किसी क्लस्टर से जुड़े भी नहीं हैं. नालंदा के चमड़ा जूता-चप्पल के उद्यमी जगदेव रविदास ने बताया कि वे खादी मेला में अपना स्टाॅल लगाकर सामान यहीं रखकर चले गये थे. फिर उन्हें रेशम विभाग के एक कर्मी ने स्टॉल दिया. इसलिए यहां स्टॉल लगा लिया. इधर, शाहजंगी के वासिद अली, सकरुद्दीनचक के शाहदुल्ला, शेखपुरा के अरसद ने रोष प्रकट करते हुए कहा कि मेला का प्रचार-प्रसार नहीं किया गया.
क्लस्टर डेवलपमेंट एक्जीक्यूटिव मो असराफुल हुदा ने बताया कि क्लस्टर के तहत केवल 29 स्टॉल मिले हैं. इसके अलावा अन्य स्टॉल पर कौन अपनी प्रदर्शनी लगा रहे हैं, उन्हें मालूम नहीं है.
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