एक ओर जहां कम बारिश के कारण जिले के किसान रोपनी का इंतजार कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर बाजार को इसका दंश झेलना पड़ रहा है. लगन समाप्त होने के बाद ऑफ सीजन में बारिश से संबंधित चीजों की बिक्री भी नहीं हो पा रही है. कारोबारी मानसून संबंधित माल में पूंजी फंसाकर उहापोह की स्थिति में हैं. बारिश संबंधित चीजों की बिक्री नहीं होने से कारोबारी परेशान दिख रहे हैं. उनका कारोबार 30 फीसदी तक रह गया है. चप्पल-जूता खरीदने में हिचक रहे ग्राहक, कारोबारी परेशान
धूप वाले छाता की हो रही बिक्री, रेनकोट है बेकार
छाता कारोबारी राहुल जाजोदिया ने बताया कि पिछले साल समय पर बारिश शुरू होने से छाता और रेनकोट की बिक्री शुरू हो गयी थी. इस बार धूप से संबंधित छाता की बिक्री थोड़ी-बहुत हो रही है, लेकिन रेनकोट के लिए कोई पूछता तक नहीं है. जबकि रेनकोट ऑर्डर देकर मंगा चुके हैं. इससे कारोबार स्थिर सा हो गया है. 30 प्रतिशत ही कारोबार बच गया है. इधर पॉलीथिन कारोबारी का भी यही हाल है. उन्होंने बताया कि बारिश में छत व फूस के घर में पालीथिन की छत बनाने के लिए त्रिपाल व अन्य मोटी पाॅलीथिन चादर लाकर रखे हैं, लेकिन खरीदने वाला कोई नहीं है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है