सुंदरगढ़. सुंदरगढ़ जिले के बालिशंकरा प्रखंड की बिरकालडीह पंचायत के डुंगीनाला में सड़क नहीं होने के कारण एंबुलेंस गांव तक नहीं पहुंच पायी. प्रसव वेदना से तड़पती महिला को 500 मीटर दूर खड़ी एंबुलेंस तक खटिया पर लाद कर ले जाया गया. खदान बहुल सुंदरगढ़ जिले में पिछले तीन साल के अंदर डीएमएफ कोष से चार हजार करोड़ रुपये विकास के नाम पर खर्च कर दिये गये, लेकिन आज भी ऐसे कई इलाके हैं, जहां तक सड़क नहीं पहुंच पायी है. आदिवासी बहुल सुंदरगढ़ जिले के बालिशंकरा प्रखंड के बिरकालडीह पंचायत के डुंगीनाला के रहनेवाले मंगलु टोप्पो की पत्नी असीमा लकड़ा को शुक्रवार को अचानक प्रसव पीड़ा हुई. जिसके बाद मंगलु ने धमकपुर गांव में रहनेवाली आशा दीदी से संपर्क किया. खबर पाकर आशाकर्मी ने 102 एंबुलेंस को बुला लिया. लेकिन गांव तक सड़क नहीं होने के कारण एंबुलेंस रास्ते में एक पहाड़ के पास रुक गयी. प्रसव पीड़ा झेल रही असीमा को तत्काल मेडिकल सुविधा की जरूरत थी, लिहाजा परिजन उसे एक खटिया पर लादकर एंबुलेंस तक पहुंचे. करीब आधा किलोमीटर (500 मीटर) तक असीमा को इसी तरह आना पड़ा. जिसके बाद एंबुलेंस से उसे गुंडियाडीही अस्पताल ले जाया गया.
60 परिवारों के 250 लोग रहते
हैं
बालिशंकरा प्रखंड की बिरकालडीह पंचायत के डुंगीनाला में 60 परिवारों के 250 लोग रहते हैं. लेकिन अब तक यहां सड़क नहीं बन पायी है. सड़क नहीं होने के कारण एंबुलेंस जैसी इमरजेंसी सेवा उन तक नहीं पहुंच पाती है. गांव के लोग सड़क निर्माण की मांग लंबे समय से कर रहे हैं.
करोड़ों रुपये का है डीएमएफ कोष
सुंदरगढ़ जिले में डीएमएफ का करोड़ों रुपये का कोष है. जिससे कई तरह की विकास परियोजनाएं पूरी करने का दावा प्रशासन और सरकार करती रही है. लेकिन सुंदरगढ़ जिले में आज आजादी के 76 साल बाद भी कई ऐसे इलाके हैं, जहां तक सड़क समेत बुनियादी सुविधाएं नहीं पहुंची हैं.
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