रांची. रांची विवि के कुलपति डॉ अजीत कुमार सिन्हा ने कहा है कि मौजूदा समय में शैक्षणिक संस्थानों को नैक से मान्यता एक्रिडिएशन कराना आवश्यक हो गया है. केंद्र सरकार, नैक तथा यूजीसी ने भी इसे आवश्यक कहा है. इससे संस्थान के विकास में सहायता मिलती है. डॉ सिन्हा शनिवार को राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक) द्वारा उत्कल विवि, भुवनेश्वर में संशोधन – 2024 विषय पर आयोजित कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे. डॉ सिन्हा ने कहा कि उच्च शिक्षा को गुणवत्तापूर्ण और सर्वसुलभ बनाने के लिए उत्तरदायी संस्कारपूर्ण, कौशलयुक्त और रोजगारपरक शिक्षा देनेवाले संस्थानों के लिए यह जरूरी हो गया है. इससे संस्थानों की स्वायत्तता, संरक्षण और प्रोत्साहन देने का कार्य होता है. यूजीसी ने भी स्पष्ट किया है कि नैक से ग्रेडिंग नहीं रहने पर संस्थान को मिलनेवाली अनुदान राशि से भी वंचित रहना पड़ेगा. कार्यशाला में नैक के चेयरमैन प्रो अनिल सहस्त्रबुद्धे सहित पूर्वी क्षेत्र के उच्च शिक्षण संस्थानों के कई प्रतिनिधि उपस्थित थे. कुलपति डॉ सिन्हा ने कार्यशाला में आयोजित पैनल डिस्कशन की भी अध्यक्षता की.
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