-डीएम ने कृषि टास्क फोर्स की बैठक कर की कार्यों की समीक्षा -उर्वरक की कालाबाजारी पर सख्ती से रोक लगाने का दिया निर्देश मुजफ्फरपुर. डीएम सुब्रत कुमार सेन की अध्यक्षता में शनिवार को समाहरणालय में जिला कृषि टास्क फोर्स की बैठक हुयी. समीक्षा के क्रम में पाया गया कि खरीफ वर्ष 2024-25 में उर्वरक की कालाबाजारी को राेकने हेतु 39 छापेमारी की गई, जिसमें 27 मामलों में अनियमितता पाई गई है और इसमें से एक का लाइसेंस रद्द और दो का निलंबित किया गया. साथ ही 24 से स्पष्टीकरण किया गया है. डीएम ने उर्वरक की कालाबाजारी पर सख्ती से रोक लगाने और की गयी छापेमारी संबंधी मामलों पर नियमानुकूल अपेक्षित कार्रवाई करने का निर्देश दिया. जिले में उर्वरकों की कोई कमी नहीं है. पर्याप्त मात्रा में इसका भंडार है और किसानों के लिए लिए सुलभ है. खरीफ 2024-25 में संचालित योजनाओं के लिए जिले में 5488.36 क्विंटल भौतिक लक्ष्य और 5488.36 आवश्यकता के परिप्रेक्ष्य में 95.82 प्रतिशत किसानों के बीच बीज का वितरण कर दिया गया है. कस्टम हायरिंग सेंटर/फार्म मशीनरी बैंक के लक्ष्य व उपलब्धि के परिप्रेक्ष्य में जिले में 21 आवेदन प्राप्त हुए है, जिसके विरूद्ध 8 स्वीकृति पत्र निर्गत किये गये. वित्तीय वर्ष 2024-25 में मिट्टी नमूना संग्रहण एवं विश्लेषन हेतु जिले में 15 हजार मिट्टी नमूना का लक्ष्य था, जिसमें से 3302 मिट्टी नमूनों के विश्लेषण के बाद 3025 मृदा स्वास्थ्य कार्ड निर्गत किये गये हैं. विदित हो कि आकांक्षी प्रखंड मुशहरी में मृदा नमूना जांच की भी समीक्षा की गयी. पाया गया कि इस प्रखंड में 1040 लक्ष्य के विरूद्ध 943 मृदा नमूना का विश्लेषण हो चुका है. बैठक में अवगत कराया गया कि पशु चिकित्सालय के निर्माण के लिए बोचहां, मोतीपुर, कुढ़नी में जमीन की आवश्यकता है. डीएम ने जिला पशुपालन पदाधिकारी को अपर समाहर्ता राजस्व से समन्वय स्थापित कर वांछित जमीन की उपलब्धता सुनिश्चित करने का निर्देश दिया. —- 31 जुलाई तक पूरा किया जाये धान अधिप्राप्ति का लक्ष्य धान अधिप्राप्ति की समीक्षा करते हुए पाया गया कि जिला में 84.89 प्रतिशत धान अधिप्राप्ति हुयी है. डीएम ने 31 जुलाई तक निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त करने का निर्देश दिया. समीक्षा के दौरान पाया गया कि शून्य सीएमआर वाले 6 पैक्स हैं. जिला सहकारिता पदाधिकारी को जांच कर विधि सम्मत कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया. 50 फीसदी से कम सीएमआर गिराने वाले पैक्स से प्रखंड सहकारिता पदाधिकारी को समन्वय स्थापित करने व सीएमआर में तेजी लाने का निर्देश दिया. समीक्षा के क्रम में पाया गया कि 50 पैक्स का सीएमआर (चावल) संबंधित मिलर के द्वारा आपूर्ति कर दी गयी है, परंतु उनके समतुल्य संबंधित पैक्सों द्वारा मिलर को धान नहीं दिया गया है. प्रखंड सहकारिता पदाधिकारी को जांच कर प्रतिवेदित करने का निर्देश दिया गया.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है