श्रावण के महीने में दुकानों के सामने नाम लिखने को लेकर हंगामा मचा हुआ है. मामले को लेकर बाबा रामदेव का बयान भी सामने आया है. उत्तर प्रदेश में कांवड़ मार्ग पर खाने-पीने की दुकानों पर लगी ‘नेमप्लेट’ पर योग गुरु बाबा रामदेव ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि यदि रामदेव को अपनी पहचान बताने में कोई दिक्कत नहीं है तो रहमान को अपनी पहचान बताने में क्यों दिक्कत आएगी? नाम बतलाने में किसी को भी किसी भी प्रकार की दिक्कत नहीं होनी चाहिए.
आगे बाबा रामदेव ने कहा कि हर किसी को अपने नाम पर गर्व होना चाहिए. नाम छिपाने की जरूरत नहीं है, केवल काम में शुद्धता की जरूरत है. यदि हमारा काम शुद्ध है तो इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि हम हिंदू हैं, मुसलमान हैं…या फिर किसी और समुदाय से हैं.
क्या है मामला
उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा रूट पर सभी खाने-पीने की दुकानों पर मालिकों का नाम लिखे जाने का आदेश राज्य सरकार की ओर से दिया गया है. इस आदेश के बाद विपक्ष के निशाने पर सरकार आ गई है. मुजफ्फरनगर पुलिस द्वारा कावंड़ यात्रा मार्ग पर सभी खाने-पीने की दुकानों पर मालिकों का नाम लिखे जाने का आदेश जारी किया था. इस विवादास्पद आदेश को कुछ दिन बाद यूपी की योगी सरकार ने पूरे राज्य में लागू कर दिया.
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उत्तराखंड में पहले से लागू है नियम, बिहार बीजेपी ने भी की इस तरह की मांग
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उनके राज्य में भी इसी तरह के निर्देश पूर्व में जारी किये जा चुके हैं. दुकानों पर नेमप्लेट लगाने के आदेश के बाद उत्तर प्रदेश की योगी सरकार विवादों में है. इस आदेश को बिहार बीजेपी की ओर से सही बतलाया गया है. अब बिहार में भी बीजेपी ने कांवड़ मार्ग पर दुकानदारों को नेमप्लेट लगाने की मांग की है.