रांची : सावन का महीना 22 जुलाई से शुरू होने वाला है. देवघर की तरह रांची के पहाड़ी मंदिर में भी श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है. जहां हर साल लाखों की संख्या में शिव भक्त जलाभिषेक करने आते हैं. रांची पहाड़ी मंदिर की विकास समिति ने 21 जुलाई को रविवार के दिन श्रावणी महोत्सव का उद्घाटन करने का निर्णय लिया है. यह कार्यक्रम दोपहर 4 बजे आयोजित होगा. लेकिन क्या आपको पता है कि इस मंदिर का इतिहास क्या है. अगर नहीं तो हम आपको इसके बारे आज पूरी जानकारी देंगे.
यहां फहराया जाता है राष्ट्रीय ध्वज
मान्यता है कि इस मंदिर उत्पति हिमालय से भी करोड़ों वर्ष पहले हुई थी. यह देश का एकमात्र और दुनिया का ऐसा दूसरा धार्मिक स्थल है, जहां राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता है. पहाड़ी मंदिर के अलावा वेटिकन सिटी में भी राष्ट्रीय ध्वज फहराने की परंपरा रही है. इसके अलावा एक और दिलचस्प तथ्य ये है कि आदिवासी समुदाय के लोग पहाड़ी बाबा के दर्शन करने से पहले नाग देवता की पूजा करते हैं. आदिवासी समुदाय प्राचीन काल से ही नाग देवता की पूजा करते आ रहे हैं.
खूबसूरत नजारा देखना हो तो नहीं मिलेगी इससे बेहतर जगह
वहीं, अगर आपको पूरे रांची शहर का खूबसूरत नजारा देखना हो ते इससे शानदार आपको नहीं मिलेगी. क्योंकि यहां से पूरे शहर खूबसूरत नजारा देखने को मिलता है. वहीं, पर्यावरण प्रेमियों को यह अपनी ओर खींचती है. क्योंकि मंदिर परिसर के आस- पास अलग प्रकार के हजार से अधिक वृक्ष हैं. साथ ही यहां से सूर्योदय और सूर्यास्त का अनुपम सौंदर्य भी देखा जा सकता है.
विधि विधान के साथ होगी सावन महोत्सव की शुरुआत
रांची पहाड़ी मंदिर विकास समिति ने सावन महोत्सव को लेकर तैयारी पूरी कर ली है. विधि-विधान के साथ संध्या 4 बजे इसकी शुरूआत हो जाएगी. वहीं जिला प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये हैं. वहीं, श्रद्धालुओं के लिए भी पेयजल का उत्तम प्रबंध किया गया है.
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