लखीसराय. हृदय रोग से पीड़ित बच्चों को इलाज कराने में कोई असुविधा न हो और सुविधाजनक तरीके से समुचित और सफल इलाज हो सके, इस उद्देश्य से बिहार सरकार द्वारा लायी गयी मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना, जोकि जिले के पीड़ित बच्चों के लिए वरदान साबित हो रहा है. दरअसल, उक्त योजना के तहत न केवल निःशुल्क स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करायी जा रही है, बल्कि, हृदय रोग से पीड़ित बच्चों का सफल और समुचित इलाज भी हो रहा है. जिसका साकारात्मक परिणाम यह है कि लगातार ऐसे बच्चे हृदय रोग को मात दे रहे हैं. इसी कड़ी में जिले के दो बच्चों ने बेहतर स्वास्थ्य सुविधा के बदौलत हृदय रोग को मात देने में सफल रहे. जिसमें सूर्यगढ़ा प्रखंड के राजकुमार यादव का 16 वर्षीया पुत्री सुष्मिता कुमारी एवं पिपरिया प्रखंड के पंकज कुमार का 10 वर्षीय पुत्र रोहित कुमार शामिल है. दोनों जन्मजात हृदय रोग से पीड़ित थे. यह सबकुछ सरकार के मजबूत और बेहतर स्वास्थ्य सुविधा के बदौलत ही संभव हुआ.
इलाज के दौरान मिली समुचित और बेहतर सुविधाएं
सुष्मिता के इलाज से प्रफुल्लित राजकुमार यादव बताते हैं वे अपनी बच्ची के ठीक होने का उम्मीद ही खो चुके थे, क्योकिं इलाज के लिए जो खर्च लगता वो वे कभी पूरा नहीं कर सकते थे, पर जिले की आरबीएसके टीम की मदद से मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना के द्वारा मेरी बच्ची का सफल इलाज हुआ है. आज मेरी बच्ची हृदय रोग को मात देकर पूरी तरह स्वस्थ है. इलाज के दौरान बेहतर और समुचित स्वास्थ्य सुविधा मिला एवं आरबीएसके टीम का भी काफी सहयोग मिला. वहीं रोहित के पिता पंकज कुमार बताते हैं की वे अब अपने बच्चे के हृदय के सफल ऑपरेशन के बाद से और बच्चों की तरह दौड़ता एवं खेलता हुआ देखकर कितना सुकून पा रहा हूं इसको वे शब्दों में बयां नहीं कर सकता हैं.दोनों बच्चे हैं पूरी तरह स्वस्थ, सामान्य बच्चों की तरह जी रहे जिंदगी
आरबीएसके के समन्वयक डॉ अंशु सिन्हा ने बताया कि समय पर इलाज शुरू होने के कारण दोनों बच्चे हृदय रोग को मात देने में सफल रहे और दोनों आज पूरी तरह स्वस्थ हैं. साथ ही सामान्य बच्चों की तरह जिंदगी जी रहे हैं. वहीं उन्होंने कहा कि वे अन्य लोगों से भी अपील करता हैं कि अगर ऐसी परेशानी होने पर तुरंत आरबीएसके टीम से सहयोग जरूर लें. उन्हें हर जरूरी मदद दी जायेगी और समुचित इलाज भी कराया जायेगा.हृदय रोग से पीड़ित बच्चों का स्थायी निजात के लिए समय पर इलाज जरूरी
सिविल सर्जन डॉ बीपी सिन्हा ने बताया कि हृदय रोग से पीड़ित बच्चों का स्थायी निजात के लिए समय पर इलाज शुरू कराना जरूरी है, अन्यथा, परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. इसलिए वे जिले के तमाम आमजनों से अपील करते हैं कि जो भी इस बीमारी से पीड़ित हैं, वह तुरंत स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क करें, जिले के सभी स्वास्थ्य स्थानों में प्रारंभिक जांच की सुविधा उपलब्ध है. वहीं उन्होंने बताया कि ऐसे पीड़ित बच्चों का इलाज के साथ-साथ आने-जाने का खर्च भी सरकार ही वहन करती है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है