मधुबनी: सावन महीना आने के साथ फलों के बाजार को श्रावनी रंग चढ़ गया है. यही वजह है कि फलों के दामों में बढ़ोतरी हो गई है. हिमाचल का सेब व कोलकाता के पपीता से बाजार फटा हुआ है. यह अलग बात है कि सावन के महीने में फल महंगे हो गए हैं. फिर भी बाजार में मांग बढ़ गई है. क्योंकि सावन में फलों का महत्व अपेक्षाकृत ज्यादा हो जाता है. जिससे फलों के कारोबारी काफी उत्साहित दिख रहे हैं. शहर के गिलेशन बाजार, शंकर चौक, बाटा चौक, थाना चौक, कोतवाली चौक सहित अन्य जगहों पर फल की दुकानें सज गयी है. मोहल्ले की गलियों में सीजन के हिसाब से ठेला पर फलों की बिक्री देखी जा रही है. हालांकि बेहतर क्वालिटी के लिए लोग बाजार आकर फल खरीद रहे हैं.
कारोबारियों ने फलों का पूरा स्टाक कर रख लिया है. जबकि रोजाना आवक भी हो रही है. कोशिश यही है कि स्टॉक कम न हो. इस बार फलों की मांग अधिक रहने वाली है. फल विक्रेताओं की माने तो सावन माह में फल की मांग पूरे माह रहती है और इस दौरान काफी संख्या में लोग शाकाहारी रहते हैं. इसलिए इस दिन फलों की बिक्री अधिक होती है. मांग को देखते हुए हम लोगों ने फलों का स्टॉक रख लिया है. बताते चलें कि सावन माह में अधिकतर हिंदू समाज शाकाहार भोजन खाकर ही पूरी माह गुजारते हैं. बाजार में सेब केला, अनार, आम, नाशपाती, मौसमी के कई प्रकार पहुंच चुके हैं. जिसकी कीमत अलग-अलग दुकान में रखी गई है. ग्राहक भी वैसे दुकानों की तलाश कर रहे हैं. जहां कुछ सस्ते फल उन्हें मिल सके.
मीट-मछली की दुकानों में घटी भीड़
सावन शुरू होते ही मुर्गा, मीट, मछली की दुकानों में भीड़ कम होने लगी है. इनके विक्रेता भी कम ही माल मंगवा रहे हैं. सावन में ज्यादातर हिंदू समाज के लोग मांसाहारी भोजन नहीं करते हैं. जिसके कारण इसकी डिमांड कम हो गई है. हालांकि इसकी कीमत में कोई खास बदलाव नहीं देखा जा रहा है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है