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देव के जंगी मुहल्ले से 29.50 रुपये लाख बरामद

बस कंडक्टर समेत तीन गिरफ्तार

बस कंडक्टर समेत तीन गिरफ्तार औरंगाबाद कार्यालय. शनिवार की रात औरंगाबाद के देव स्थित जंगी मुहल्ले से बरामद 29 लाख 50 हजार रुपये के मामले का पुलिस ने खुलासा किया है. 20 घंटों के भीतर पुलिस ने रुपये गायब करने की साजिश को बेनकाब कर तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. ज्ञात हो कि जंगी मुहल्ले में धनंजय सिंह नामक व्यक्ति के घर पुलिस ने छापेमारी की और वहां से रुपये बरामद किये. रविवार को प्रेसवार्ता के दौरान सदर एसडीपीओ संजय कुमार पांडेय ने रुपये बरामदगी के बाद हो रही तरह-तरह की चर्चाओं पर विराम लगा दिया. इस घटना में चार लोगों ने साजिश रची थी, जिसमें तीन लोग पुलिस के हत्थे चढ़ गये हैं. बड़ी बात यह है कि बरामद रुपयों की पुलिस अभी भी पड़ताल कर रही है. सही-गलत का फैसला होना बाकी है. क्या है मामला प्रेसवार्ता के दौरान एसडीपीओ ने बताया कि उत्तर प्रदेश के महाराजगंज जिले के पनियरा गांव निवासी और गजानन सिद्धि विनायक फूड्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक संतोष कुमार जायसवाल का कारोबार भारत के विभिन्न राज्यों में होता है. झारखंड के धनबाद के आसपास के क्षेत्रों से उन्हें नकदी भुगतान प्राप्त हुआ था. फार्म के कर्मचारी व धनबाद के चिरागोरा प्रोफेसर कॉलोनी बरमसिया निवासी शिबू कुमार प्रमाणिक की ओर से नकदी कलेक्शन कर 29 लाख 50 हजार तीन पार्सल के माध्यम से चेतक बस के कंडक्टर व औरंगाबाद जिले के बारुण थाना क्षेत्र के सिरिस गांव निवासी रामबचन सिंह के पुत्र रविरंजन सिंह उर्फ रवि को सुपुर्द किया था और उक्त पैसे को उनके पास पहुंचाना था. 20 जुलाई को दो बजे धनबाद में पैसा दिया गया था. पूर्व में भी कंडक्टर द्वारा दो-तीन बार पैसों का पार्सल धनबाद से सासाराम पहुंचाया गया था. कंडक्टर पर भरोसा भी था. रात सवा आठ बजे के करीब उसने सूचना दी कि पुलिस की डायल 112 की गाड़ी ने रोककर मारपीट की और पार्सल लेकर चले गये. बाद में मालूम हुआ कि कंडक्टर रविरंजन सिंह उर्फ रवि, चालक व गया जिले के मोहनपुर थाना क्षेत्र के लखनपुर गांव निवासी नइम खलिफा के पुत्र शाहिद हुसैन, सह चालक मदनपुर थाना क्षेत्र के जुड़ाही गांव निवासी आनंद पासवान तथा चेतक बस के पूर्व कर्मचारी धनंजय सिंह ने षड्यंत्र रचकर झूठी कहानी बनायी और पैसा गायब करने की साजिश रची. एसडीपीओ ने बताया कि व्यवसायी संतोष कुमार जायसवाल ने पुलिस को सूचना दी और मुफस्सिल थाना में मामले की प्राथमिकी दर्ज करायी है. एसपी की गठित टीम ने जंगी मुहल्ले में की छापेमारी चालक, सह चालक, कंडक्टर और पूर्व कंडक्टर के साजिश को बेनकाब करने और रुपये बरामद करने के लिए एसपी स्वप्ना जी मेश्राम के निर्देश पर एसडीपीओ संजय कुमार पांडेय के नेतृत्व में टीम गठित की गयी. इस टीम में सदर एसडीपीओ दो अमित कुमार, प्रशिक्षु डीएसपी व मुफस्सिल थानाध्यक्ष मनीषा बेबी, इंस्पेक्टर अशोक कुमार, देव थानाध्यक्ष विकास कुमार, डीआइयू के दारोगा रामइकबाल यादव, कन्हैया शर्मा, सुरेंद्र कुमार, नंदकिशोर कुमार और सिपाही मुन्ना कुमार साह को शामिल किया गया. गठित टीम ने डायल 112 की पड़ताल करने के बाद साक्ष्य के आधार पर देव के जंगी मुहल्ले में पूर्व कंडक्टर धनंजय सिंह के घर छापेमारी की. इससे पहले कंडक्टर रविरंजन सिंह, चालक शाहिद हुसैन और पूर्व कंडक्टर धनंजय सिंह को हिरासत में लिया गया. अंतत: 29 लाख 50 हजार रुपये के साथ चार मोबाइल बरामद कर लिये गये. हालांकि, अभी भी इस मामले में शामिल सह चालक फरार हैं और जल्द हीउसे पुलिस गिरफ्तार कर लेगी. पुलिस का भय दिखा रुपये हड़पने की कोशिश चेतक बस से भेजे गये पैसों को पुलिस का भय दिखाकर चालक, सह चालक, कंडक्टर और पूर्व कंडक्टर ने हड़पने की साजिश रची. इन सभी लोगों के मन में एक ही बात चल रही थी कि अगर पैसा अवैध है और उसे पुलिस का भय दिखाया जाये, तो पैसों से संबंधित मालिक उनका कुछ नहीं बिगाड़ेगा और पुलिस के नाम पर वह शांत बैठ जायेगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. जिस व्यक्ति को पैसे पहुंचाये जाने थे, उस व्यक्ति ने खुद पुलिस को रुपये गायब होने की जानकारी दी. गजानन सिद्धि विनायक फूड्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक संतोष कुमार जायसवाल ने बरामद रुपयों को वैध बताते हुए पुलिस में शिकायत की. अगर, पैसे वैध नहीं होते, तो शायद मामला सलट जाता. बड़ी बात यह है कि पुलिस बरामद रुपयों की पड़ताल कर रही है. आखिर इतनी बड़ी राशि बस के माध्यम से कैसे भेजी जा रही थी. यह भी सवालों के घेरे में है. हालांकि, संतोष ने इस मामले की प्राथमिकी मुफस्सिल थाने में दर्ज करायी है. कंडक्टर ने दिया धोखा मुफस्सिल थाना में दर्ज प्राथमिकी में संतोष कुमार जायसवाल ने कहा कि वर्तमान में रोहतास जिले के चेनारी थाना क्षेत्र के इब्राहिमपुर में उसका फार्म है और उसका वह निदेशक है. देश के विभिन्न राज्यों में उसका कारोबार होता है. नकदी भुगतान उसे प्राप्त होते रहा है. कई बार कंडक्टर रविरंजन सिंह नकदी रुपयों का पार्सल उसे पहुंचा चुका है. उस पर विश्वास जम गया था. हमेशा पार्सल को वह सासाराम में प्राप्त कर लेता था. इस बार उसने विश्वास को धोखा में बदल दिया है.

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